अबतक इंडिया न्यूज 21 जून । एजुकेशन सिटी कोटा ऊर्जा मंत्री का गृह जिला कोटा मानसून की बारिश के साथ बिजली तंत्र मानो जवाब दे गया है. ऐसा इसलिए की तेज बारिश के साथ कई घंटे के लिए कोटा शहर में बिजली गुल हो जाती है. बारिश के साथ बिजली गुल होती है. उसके बाद पता नहीं कितने घंटे बाद लौटेगी. ऐसा ही हुआ 16 जून को जब बारिश के साथ शहर के 70 फीसदी हिस्से में 5 से 7 घंटे के लिए बिजली गुल हो गई. शहर पूरी तरह अंधेरे में डूब गया 5 हजार से ज्यादा शिकायतें बिजली कंपनी केईडीएल को की गई, लेकिन ना ही फोन उठाने वाला कोई और ना ही जवाब देने वाला कोई शहर गर्मी और ब्लैकआउट दोनों की चपेट में और परेशान जनता.
अब जब खुद ऊर्जा मंत्री कोटा से आते हैं तो ऊर्जा मंत्री ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया और एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन करते हुए जयपुर से टीम को बुलाने के आदेश जारी किए ताकि हालातों को जल्द सुधारा जा सके और इसके लिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो सके.
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने पूरी गंभीरता दिखाई और टीम का गठन किया, लेकिन जयपुर से जांच के लिए आई टीम मानो निजी बिजली कंपनी के साथ फिक्सिंग का खेल खेल रही है. शहर कई घंटे तक ब्लैकआउट की चपेट में जवाब देने के बजाय जांच कमेटी के अधिकारी बिजली कंपनी को बचाने की जुगत निकालते नजर आ रहे हैं, क्योंकि अगर बोलेंगे तो बिजली कंपनी पर गाज गिरेगी. इससे बेहतर है चुप्पी साथ लो.
ऊर्जा मंत्री के गृह जिले में बिजली के तंत्र को सुधारने के लिए ऊर्जा मंत्री गंभीर. लेकिन जब जांच के तय अधिकारियों के रवैये ऐसे होंगे तो क्या ही जांच होगी और क्या जांच रिपोर्ट से उम्मीद. ऐसे में कैसे बिजली कंपनी की लापरवाही का खामियाजा भुगत बिजली कटौती से परेशान कोटा की जनता को राहत मिलेगी? इसकी उम्मीद करना बेइमानी ही है.