वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
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भारत ने ‘पड़ोसी पहले की नीति’ के तहत केंद्रीय बजट 2024-25 में भूटान को मदद का सबसे बड़ा हिस्सा दिया है। हिमालयी राष्ट्र को इस वित्तीय वर्ष में 2,068 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में भूटान में विभिन्न योजनाओं के लिए 2400 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। वहीं, बांग्लादेश को मौजूदा आम बजट में 120 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वित्त वर्ष में 200 करोड़ रुपये था। बांग्लादेश में इस समय सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे पर अशांति देखी जा रही है।
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वहीं, मॉरीशस के लिए मदद भी 2024-25 के केंद्रीय बजट में वित्तीय मदद कम की गई है। उसके लिए 370 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई। पिछले वित्त वर्ष में यह राशि 400 करोड़ रुपये थी। म्यांमार के लिए भी इस साल का बजट 400 करोड़ रुपये से घटकर 250 करोड़ रुपये हो गया।
इस बीच, मालदीव के लिए आवंटन में कोई बदलाव नहीं किया गया। इस साल भारत सरकार ने केंद्रीय क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए मालदीव को 400 करोड़ रुपये आवंटित किए। मालदीव और भारत के बीच राजनयिक संबंध इस साल जनवरी की शुरुआत में तनावपूर्ण हो गए थे। दोनों देशों के बीच विवाद उस समय पैदा हुआ, जब मालदीव के कुछ सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के दौरान अपमानजनक टिप्पणी की। हालांकि, बाद में इन सांसदों को निलंबित भी किया गया। मोहम्मद मुइज्जी के मालदीव के राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद विवाद शुरू हुआ। चीन के समर्थन माने जाने वाले मुइज्जी ने मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने का अनुरोध किया था। इस कदम ने भारत और मालदीव के बीच राजनियक संबंधों को और प्रभावित किया था।
इसके अलावा, ईरान के चाबहार बंदरगाह के लिए भी 100 करोड़ रुपये का आवंटन बरकरार रखा गया है। नेपाल और श्रीलंका के लिए बजट आवंटन में वृद्धि की गई। वित्तीय वर्ष 2024-25 में नेपाल को सहायता के रूप में 700 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जो कि पिछले साल 550 करोड़ रुपये था। श्रीलंका के लिए इस साल 245 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। जबकि पिछले साल यह राशि 150 करोड़ रुपये थी।