अबतक इंडिया न्यूज 15 अक्टूबर । धनतेरस का त्योहार हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदयशी तिथि को मनाते हैं. धनतेरस को प्रदोष काल में माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है. इस बार धनतेरस की त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर और 19 अक्टूबर दो दिन है. ऐसे में धनतेरस कब मनाया जाए? इस पर कन्फ्यूजन है. आइए जानते हैं कि धनतेरस कब मनाना सही है, 18 या 19 अक्टूबर? धनतेरस मुहूर्त और लक्ष्मी-कुबेर पूजा का समय क्या है?
धनतेरस की सही तारीख
पंचांग के अनुसार देखा जाए तो इस बार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर शनिवार को दोपहर में 12:18 बजे से प्रारंभ हो जा रही है और यह तिथि 19 अक्टूबर रविवार को दोपहर 01:51 बजे तक रहेगी.
उदयातिथि के हिसाब से देखा जाए तो त्रयोदशी तिथि 19 अक्टूबर रविवार को है, लेकिन इस तिथि में समस्या यह है कि इस का प्रदोष काल प्राप्त नहीं हो रहा है. इस दिन त्रयोदशी तिथि दोपहर 01:51 बजे ही खत्म हो जा रही है. प्रदोष काल का समय सूर्यास्त के बाद से शुरू होता है.
ऐसे में 18 अक्टूबर को प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद है और उस समय से पूरा प्रदोष का मिल रहा है. धनतेरस की पूजा प्रदोष काल में ही होती है, इसमें उदयातिथि की मान्यता नहीं है.
इस आधार पर धनतेरस 18 अक्टूबर को मनाना सही है. 18 अक्टूबर को धनतेरस का सूर्यास्त 05:48 पी एम पर होगा. उसके बाद से प्रदोष काल प्रारंभ होगा. ऐसे में 18 अक्टूबर को धनतेरस है.
धनतेरस का प्रदोष काल
इस साल धनतेरस का प्रदोष काल का समय शाम को 05:48 बजे से लेकर रात 08:20 बजे तक है.
धनतेरस लक्ष्मी-कुबेर पूजा मुहूर्त
धनतेरस की शाम माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा करने के लिए आपको 1 घंटा 4 मिनट का शुभ समय प्राप्त होगा. धनतेरस पूजा का मुहूर्त शाम 07:16 बजे से प्रारंभ है, जो रात 08:20 बजे तक है. इस समय में आप धनतेरस की शॉपिंग भी कर सकते हैं.
धनतेरस का शुभ समय
धनतेरस के दिन का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त 11:43 ए एम से लेकर दोपहर 12:29 पी एम तक है. उस दिन का ब्रह्म मुहूर्त 04:43 ए एम से 05:33 ए एम तक है. धनतेरस पर राहुकाल सुबह 09:15 ए एम से सुबह 10:40 ए एम तक है. राहुकाल में धनतेरस का कोई शुभ कार्य न करें.