अबतक इंडिया न्यूज 22 जून । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की वादियों में 22 अप्रैल को लश्कर-ए-तैयबा के तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों ने जिस तरह से 26 निर्दोष हिंदू पर्यटकों का जनसंहार किया था, उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. अब इस जघन्य हमले में एनआईए को बड़ी सफलता हाथ लगी है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार दो कश्मीरियों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि इन दोनों ने आतंकियों को पनाह दी और हमले से पहले उनकी मदद की थी.
गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों की पहचान पहलगाम के बटकोट में रहने वाले परवेज अहमद जोथर और हिल पार्क निवासी बशीर अहमद जोथर के रूप में हुई है. एनआईए के मुताबिक उन्होंने जांच में पाया कि परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर ने पहलगाम के हिल पार्क में मौसमी ढोक (झोपड़ी) में लश्कर-ए-तैयबा के तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को जानबूझकर शरण दी थी. उन्होंने आतंकियों को भोजन, आश्रय और रसद सहायता प्रदान की और उनकी पहचान भी सुरक्षा एजेंसियों को गुमराह करने के इरादे से छिपाई.एनआईए ने दो लोगों पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) की धारा 19 के तहत केस दर्ज किया है और मामले की जांच जारी है. सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं.ऑपरेशन सिंदूर जारी है…
यह बर्बर आतंकी हमला पहलगाम के बैसरन घाटी में हुआ था, जिसे ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ भी कहा जाता है. इसके जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया. इस गुप्त सैन्य अभियान में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बहावलपुर और मुजफ्फराबाद में स्थित उन 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया.गोपनीय खुफिया इनपुट, सैटेलाइट इमेजिंग और तकनीकी निगरानी के माध्यम से भारत ने यह पक्का कर लिया था कि पहलगाम हमले की साजिश बहावलपुर में रची गई और मुजफ्फराबाद से आतंकियों को एलओसी पार भेजा गया.
नहीं बचेंगे 26 हिंदुओं के जनसंहार के गुनहगार
अब जब एनआईए ने पहलगाम हमले में मददगार स्थानीय सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया है, तो बाकी नेटवर्क की तलाश और कार्रवाई तेज हो गई है. भारत ने यह साफ कर दिया है कि चाहे बहावलपुर हो, मुजफ्फराबाद या आतंकियों की कोई और सुरक्षित पनाहगाह… 26 हिंदुओं के जनसंहार के गुनहगार किसी कीमत पर नहीं बचेंगे.
भारत की नीति अब स्पष्ट है अब सिर्फ जवाब नहीं, निर्णायक कार्रवाई होगी. पहलगाम में मासूम पर्यटकों का कत्लेआम करने वालों का अंत अब शुरू हो चुका है. ऑपरेशन सिंदूर जारी है.