अबतक इंडिया न्यूज 19 जून । सद्दाम हुसैन के वक्त आईएईए ने इराक पर भी आरोप लगाया गया कि ईराक परमाणु हथियार बना रहा है. अमेरिका ने ईराक को तबाह कर दिया. लेकिन बाद में इराक में जनसंहार के हथियार नहीं मिले. अब कुछ वैसी ही स्थिति ईरान के साथ नजर आ रही है. कहा जा रहा है कि ईरान परमाणु बम बना रहा है. लेकिन अब ईरान के सेंटर ऑफ पब्लिक डिप्लोमेसी के प्रवक्ता ने आईएईए के मुखिया ग्रॉसी का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें ग्रॉसी कह रहे हैं कि ईरान न्यूक्लियर वेपन नहीं बना रहा है तो इतनी तबाही क्यों मचाई जा रही है.
ईरान के साथ भी क्या वही हो रहा है, जो कभी इराक के साथ हुआ था? इजरायल-ईराज जंग में अब जो कुछ भी हो रहा है, उसे आप इतिहास दोहराना कह सकते हैं. आपको याद होगा सद्दाम हुसैन के वक्त अमेरिका ने यही बहाना लेकर ईराक पर अटैक किया किया कि इराक जनसंहार के हथियार (Weapons of Mass Destruction) बना रहा है. लेकिन सद्दाम की मौत के बाद जब वहां कुछ भी नहीं मिला तो अमेरिका की भारी बदनामी हुई थी. अब कुछ वैसा ही हाल ईरान के साथ हो रहा है. इजरायल के इतनी तबाही मचाने के बाद अब इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के चीफ राफेल ग्रॉसी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे कहते दिख रहे हैं कि ‘हमें ईरान द्वारा परमाणु हथियार बनाने की किसी संगठित कोशिश का कोई सबूत नहीं मिला है.’ यानी बिना सबूत इजरायल-अमेरिका ईरान पर चढ़ाई कर बैठे हैं?
DG @rafaelmgrossi:“We did not have any evidence of a systematic effort [by Iran] to move into a nuclear weapon.”
This is too late, Mr. Grossi: you obscured this truth in your absolutely biased report that was instrumentalize by E3/U.S. to craft a resolution with baseless… pic.twitter.com/A2cQcyqiFy— Esmaeil Baqaei (@IRIMFA_SPOX) June 19, 2025
मिस्टर ग्रॉसी अब बहुत देर हो चुकी है…
ईरान के सेंटर ऑफ पब्लिक डिप्लोमेसी के हेड इस्माइल बकाई ने राफेल ग्रॉसी का यह वीडियो शेयर किया है. साथ में लिखा है… मिस्टर ग्रॉसी अब बहुत देर हो चुकी है… आपने इस सच्चाई को पूरी ताकत के साथ छिपाने की कोशिश की. बेबुनियाद आरोपों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की. फिर उसी प्रस्ताव के बहाने शैतानों ने ईरान पर आक्रमण शुरू कर दिया. हमारे शांतिपूर्ण परमाणु ठिकानों पर गैरकानूनी तरीके से हमला किया. क्या आपको पता है इस युद्ध में कितने निर्दोष ईरानी मारे गए या घायल हुए? क्या यूएन जैसे संस्थानों के लिए नियुक्ति की कसौटी पर खरा उतरने वाले किसी अंतरराष्ट्रीय अधिकारी का यह आचरण है? इसके लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए. आपने पूरी व्यवस्था के साथ विश्वासघात किया है.
ईरान के सेंटर ऑफ पब्लिक डिप्लोमेसी के हेड इस्माइल बकाई ने राफेल ग्रॉसी का यह वीडियो शेयर किया है. साथ में लिखा है… मिस्टर ग्रॉसी अब बहुत देर हो चुकी है… आपने इस सच्चाई को पूरी ताकत के साथ छिपाने की कोशिश की. बेबुनियाद आरोपों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की. फिर उसी प्रस्ताव के बहाने शैतानों ने ईरान पर आक्रमण शुरू कर दिया. हमारे शांतिपूर्ण परमाणु ठिकानों पर गैरकानूनी तरीके से हमला किया. क्या आपको पता है इस युद्ध में कितने निर्दोष ईरानी मारे गए या घायल हुए? क्या यूएन जैसे संस्थानों के लिए नियुक्ति की कसौटी पर खरा उतरने वाले किसी अंतरराष्ट्रीय अधिकारी का यह आचरण है? इसके लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए. आपने पूरी व्यवस्था के साथ विश्वासघात किया है.
इतिहास दोहराया जा रहा है?
2003 में इराक को तबाह करने के बाद जब दुनिया को पता चला कि वहां कोई जनसंहारक हथियार थे ही नहीं, तब अमेरिका और ब्रिटेन को भारी आलोचना झेलनी पड़ी थी. अब वही पैटर्न ईरान के खिलाफ इस्तेमाल होता दिख रहा है. पहले खतरे का नैरेटिव गढ़ा गया, फिर प्रस्ताव बनाया गया और जब ईरान अमेरिका के साथ बातचीत की तैयारी कर रहा था तो सैन्य कार्रवाई की गई. आज, जब आईएईए के मुखिया खुद कह रहे हैं कि ईरान परमाणु बम नहीं बना रहा, तो यह सवाल है कि इतने निर्दोष लोग क्यों मारे गए? क्या इस युद्ध के पीछे भी कोई छुपा हुआ एजेंडा है?
2003 में इराक को तबाह करने के बाद जब दुनिया को पता चला कि वहां कोई जनसंहारक हथियार थे ही नहीं, तब अमेरिका और ब्रिटेन को भारी आलोचना झेलनी पड़ी थी. अब वही पैटर्न ईरान के खिलाफ इस्तेमाल होता दिख रहा है. पहले खतरे का नैरेटिव गढ़ा गया, फिर प्रस्ताव बनाया गया और जब ईरान अमेरिका के साथ बातचीत की तैयारी कर रहा था तो सैन्य कार्रवाई की गई. आज, जब आईएईए के मुखिया खुद कह रहे हैं कि ईरान परमाणु बम नहीं बना रहा, तो यह सवाल है कि इतने निर्दोष लोग क्यों मारे गए? क्या इस युद्ध के पीछे भी कोई छुपा हुआ एजेंडा है?