October 12, 2025 9:15 am

Latest News
कर्क, कन्या समेत 7 राशियों को भाग्य के साथ से आर्थिक स्थिति होगी मजबूत, सिंह वाले इस मामले पर ध्यान दें! पढ़ें आज का राशिफल राजस्थान में धर्म परिवर्तन कानून के खिलाफ उतरे सामाजिक संगठन, बोले- कानून संविधान की भावना के खिलाफ हनुमान बेनीवाल फिर बने RLP के राष्ट्रीय अध्यक्ष, राजस्थान के 2028 के विधानसभा चुनाव पर नज़र संसदीय कार्य व विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने किए करणी माता के दर्शन , भजनलाल सरकार युवाओं के रोजगार के लिए प्रतिबद्ध- संसदीय कार्य मंत्री जंग रुकवा दो मालिक! जेलेंस्की ने ट्रंप से लगाई गुहार, गाजा के बाद अब यूक्रेन में भी थमेगी मिसाइलों की बौछार? पलाना में कानून एवं न्याय मंत्री राजस्थान सरकार जोगाराम पटेल का हुआ स्वागत

Home » राजनीति » राजस्थान के इस गांव ने दिया पंचायत चुनाव बहिष्कार का अल्टीमेटम

राजस्थान के इस गांव ने दिया पंचायत चुनाव बहिष्कार का अल्टीमेटम

अबतक इंडिया न्यूज 11 सितंबर । देश में जहां डिजिटल इंडिया और विकास की बड़ी-बड़ी बातें हो रही हैं, वहीं कई इलाके ऐसे भी हैं, जहां आज भी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं पहुंची हैं. ऐसा ही एक गांव है राजस्थान के भरतपुर जिले में, जिसने अब अपनी मांगों को मनवाने के लिए एक बड़ा हथियार उठाया है: मतदान बहिष्कार. भरतपुर जिले के कल्याणपुर पंचायत के अंतर्गत आने वाले अजान बांध गांव के लोगों ने साफ चेतावनी दी है कि अगर आने वाले ग्राम पंचायत चुनावों से पहले उनके गांव में पक्की सड़क नहीं बनी, तो वे चुनावों में वोट नहीं डालेंगे.

सिर्फ 2 KM की है सड़क

आजादी को 79 साल बीत चुके हैं, लेकिन इस गांव के लगभग 500 लोग आज भी एक पक्की सड़क के लिए संघर्ष कर रहे हैं. कल्याणपुर गांव से अजान बांध तक सिर्फ दो किलोमीटर की दूरी है, लेकिन यही कच्चा रास्ता ग्रामीणों के लिए सालों से मुसीबत बना हुआ है. हल्की-सी भी बारिश होते ही यह रास्ता कीचड़ से भर जाता है. हालत इतनी खराब हो जाती है कि लोगों को पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है, गाड़ियों का तो सवाल ही नहीं उठता.

कीचड़ में लिपटी जिंदगी

अजान बांध गांव के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी इसी कीचड़ और धूल के बीच गुजरती है. सबसे ज्यादा परेशानी स्कूल जाने वाले बच्चों को होती है. उन्हें रोज इसी रास्ते से होकर स्कूल जाना पड़ता है, जिससे उनके कपड़े और जूते खराब हो जाते हैं. कई बार तो वे फिसलकर गिर भी जाते हैं, जिससे उन्हें चोट लगने का खतरा भी बना रहता है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी की वजह से उनके बच्चों का भविष्य भी प्रभावित हो रहा है.

‘रिश्तेदार आने से कतराते हैं’

ग्रामीणों ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति अचानक बीमार हो जाए, तो उसे अस्पताल तक ले जाना एक बड़ा जोखिम भरा काम बन जाता है. गर्भवती महिलाओं को तो और भी ज्यादा दिक्कत होती है. कई बार तो अस्पताल पहुंचने में देरी होने से डिलीवरी रास्ते में ही हो जाती है, जिससे मां और बच्चे दोनों की जान को खतरा हो सकता है. इसी तरह रिश्तेदार भी इस गांव में आने से कतराते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि रास्ते की हालत कितनी खराब है.

चुनावों में वादे, चुनाव बाद गुमनाम

ग्रामीणों का आरोप है कि हर चुनाव में नेता उनके पास हाथ जोड़कर वोट मांगने आते हैं और पक्की सड़क बनाने का वादा करते हैं. लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद कोई भी जनप्रतिनिधि गांव की तरफ पलटकर भी नहीं देखता. गांव के एक निवासी रतन सिंह ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा, ‘हम हर बार नेताओं के झूठे वादों पर भरोसा कर लेते हैं, लेकिन विकास के नाम पर हमें सिर्फ निराशा मिलती है.’

‘सड़क नहीं तो वोट नहीं’ का नारा

ग्रामीणों का यह गुस्सा अब चरम पर है. उन्होंने तय कर लिया है कि इस बार वे सिर्फ आश्वासन से काम नहीं चलने देंगे. उनका एक ही नारा है – ‘सड़क नहीं तो वोट नहीं’. अजान बांध गांव के लोगों ने अपनी बात विधायक, जिला प्रशासन और स्थानीय सरपंच तक पहुंचाई है, लेकिन उनकी शिकायतें अनसुनी रह गईं. अब उनका यह अल्टीमेटम प्रशासन के लिए एक चुनौती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!