अबतक इंडिया न्यूज 8 अगस्त । भरतपुर में एक दिल को छूने वाली घटना सामने आई है. जहां 17 साल पहले घर से निकली एक महिला फिर से उसके परिवार के पास लौट गई. मानसिक अवसाद के चलते महिला घर छोड़ चली गई थीं. तमाम कोशिशों के बाद उसके परिवार ने भी उम्मीद छोड़ दी और महिला को मृत मान लिया था. हालांकि, जब महिला का स्वास्थ्य ठीक हुआ तो अपना घर आश्रम की टीम ने महिला के बताए गए पते के आधार पर परिवार से संपर्क किया और उन्हें महिला के जीवित होने की सूचना दी. 17 साल बाद अचानक से महिला का मिलना परिवार के सदस्यों के लिए किसी सपने से कम नहीं था. जब महिला घर से निकली थी, उस समय उसके बच्चे काफी छोटे थे, जिनकी अब शादी हो गई और बच्चे भी हैं.
परिवार को कॉलर पर नहीं हुआ विश्वास
महिला के परिवार ने पहले तो कॉलर पर विश्वास नहीं किया. फिर आश्रम की टीम ने उन्हें महिला के फोटो और वीडियो दिखाए गए तो उन्हें यकीन हो गया. इसके बाद परिवार के सभी सदस्य महिला को लेने के लिए आश्रम पहुंचे. परिवार के परिजन महिला को जिंदा देख उनके आंसू झलक उठे. उसके बाद महिला को साथ लेकर चले गए. इस दौरान परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
मानसिक अपवाद के चलते घर छोड़ गई थी महिला
उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के गांव चितगुआ निवासी रोहित झा ने बताया, “उनकी मां रजनी देवी 2008 में मानसिक अवसाद के चलते घर से एक दिन अचानक चली गई. पिता और अन्य परिवार के लोगों ने मां की काफी तलाश की, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी. उसके बाद पुलिस थाने में गुमशुदा की रिपोर्ट भी की. कई सालों तक तलाश के बाद जब वह नहीं मिली तो हम लोगों ने उनके जिंदा होने की उम्मीद छोड़ दी.”
मां को सामने देख लिपटकर रोने लगे बेटे
रजनी को बीकानेर नारी निकेतन से लाकर अपना घर आश्रम में 16 जून 2018 को प्रवेश दिलाया गया था. उसके बाद रजनी का उपचार हुआ और धीरे-धीरे स्वास्थ्य में सुधार होने लगा. इसके बाद वह इस स्थिति में आ गई कि उसने घर का पता बताया. मां को आखों के सामने देख उनके बेटे भी लिपटकर रोने लगे.