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MBM इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी में छात्रों को मिले 100 में से 120 नंबर… मचा बवाल, फिर दबा दिया गया रिजल्ट

अबतक इंडिया न्यूज 9 अक्टूबर । जोधपुर के एमबीएम इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर गंभीर सवाल उठे हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन की भारी लापरवाही के चलते बीई सैकंड सेमेस्टर की मार्कशीट में बड़ी गड़बड़ी सामने आई. विश्वविद्यालय ने परीक्षा परिणाम वेबसाइट पर जारी कर दिए, लेकिन कुछ छात्रों को 100 अंकों के पेपर में 116 और 120 तक अंक दे दिए गए. यह देखकर छात्र हैरान रह गए. जब उन्होंने इसकी जानकारी विश्वविद्यालय प्रशासन को दी, तो अफरा-तफरी मच गई और प्रशासन ने बिना किसी स्पष्टीकरण के तुरंत वेबसाइट से परिणाम हटा दिया.

इस पूरे घटनाक्रम ने विश्वविद्यालय की पारदर्शिता और कार्यकुशलता पर गहरा प्रश्न चिन्ह लगा दिया है. जिस संस्थान से तकनीकी उत्कृष्टता की उम्मीद की जाती है, वहीं इस तरह की प्राथमिक स्तर की गलती होना बेहद शर्मनाक है.

पहले भी हो लापरवाही आ चुकी है सामने

छात्रों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब एमबीएम विश्वविद्यालय ने इस तरह की गड़बड़ी की हो, पहले भी परीक्षा परिणाम, अंक सुधार और डिग्री वितरण में लापरवाही के मामले सामने आ चुके हैं. सूत्रों के अनुसार इस बार गलती ग्रेड शीट तैयार करने के दौरान हुई, जहां इंटरनल और नॉन-इंटरनल अंकों को गलत तरीके से फीड कर दिया गया. किसी ने भी इसकी जांच नहीं की और बिना सत्यापन के परिणाम वेबसाइट पर जारी कर दिए गए. यह न केवल तकनीकी असावधानी का मामला है, बल्कि यह प्रशासन की लापरवाह मानसिकता को भी उजागर करता है.

मामले को दबाने में जुटा है प्रशासन

छात्रों ने आरोप लगाया है कि प्रशासन गलती मानने के बजाय मामले को दबाने में जुटा रहा. वेबसाइट से परिणाम हटाने के बाद न तो कोई आधिकारिक नोटिस जारी किया गया और न ही छात्रों को यह बताया गया कि सुधार कब तक होगा. कई छात्रों ने कहा कि अब उन्हें अपनी सही मार्कशीट के लिए चक्कर काटने पड़ेंगे, जबकि गलती पूरी तरह विश्वविद्यालय की थी.

शिक्षाविदों का कहना है कि इस स्तर की गलती किसी छोटे संस्थान में नहीं, बल्कि एक राज्य स्तरीय इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय में हुई है-जो अत्यंत चिंताजनक है. यह दिखाता है कि एमबीएम विश्वविद्यालय में निगरानी व्यवस्था पूरी तरह विफल हो चुकी है. विश्वविद्यालय को अब केवल तकनीकी त्रुटि कहकर जिम्मेदारी से नहीं बचना चाहिए, बल्कि दोषी कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए.

छात्रों ने दी आंदोलन की चेतावनी

छात्र संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने इस गंभीर त्रुटि पर कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन किया जाएगा. एमबीएम विश्वविद्यालय की यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि जब तक जिम्मेदार अधिकारी अपनी कुर्सियों से जवाबदेह नहीं होंगे, तब तक छात्रों का भविष्य इसी तरह लापरवाही की भेंट चढ़ता रहेगा.

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