August 27, 2025 6:51 pm

Home » ब्रेकिंग न्यूज़ » श्रावण सोमवार की व्रत कथा और आरती , श्रावण सोमवार व्रत में क्या न करें?

श्रावण सोमवार की व्रत कथा और आरती , श्रावण सोमवार व्रत में क्या न करें?

अबतक इंडिया न्यूज 13 जुलाई । 14 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है. इस मौके पर भगवान शिव की पूजा आराधना करना शुभ होता है. सावन महीने में कुल 4 सोमवार है, ऐसे में सावन मास के प्रत्येक सोमवार को ‘श्रावण सोमवार व्रत’ के रूप में मनाया जाता है.प्राचीन समय की बात है, एक नगर में एक ब्राह्मण और उसकी पत्नी साथ रहते थे. पति पत्नी दोनों शिवभक्त थे, लेकिन उनके कोई संतान नहीं थी. इस वजह से वे दुखी रहते थे. एक दिन उन्होंने प्राण किया कि वे भगवान शिव की आराधना करेंगे ताकि संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिल सकें.

ब्राह्मण दंपत्ति ने श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखने और रुद्राभिषेक करने का संकल्प ले  लिया. उन्होंने सावन मास के प्रत्येक सोमवार को नियमपूर्वक व्रत, उपवास और शिवलिंग पर जलाभिषेक किया. भगवान शिव को बेलपत्र, भस्म, भांग और दूध अर्पण किया और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप भी किया.

श्रद्धा और भक्ति देखकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और वरदान मांगने को कहा. ब्राह्मण और उसकी पत्नी ने शिव से संतान सुख का आशीर्वाद देने की बात कही. भोलेनाथ ने खुश होकर उन्हें तेजस्वी पुत्र का वरदान दिया.

कुछ समय बीत जाने के बाद बाद उनके घर एक सुंदर और बुद्धिमान पुत्र का जन्म हुआ. तभी से यह मान्यता है कि जो भी भक्त श्रद्धा से सावन सोमवार का व्रत करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है, विशेषकर विवाह, संतान सुख और स्वास्थ्य से जुड़ी मनोकामनाएं.

इस कथा को सोमवार व्रत के दिन पूजा के बाद पढ़ना या सुनना चाहिए है. इससे भगवान शिव खुश होते हैं और भक्तों पर कृपा करते हैं.

श्रावण सोमवार व्रत में क्या न करें?

  श्रावण के पहले सोमवार को कुछ वर्जित कामों को करने से बचना चाहिए. इन्हीं करने से शिवजी नाराज होते हैं.

नमक, अनाज और तामसिक भोजन से दूर

  • श्रावण सोमवार व्रत के दिन नमक, अनाज, मांसाहार, प्याज-लहसुन का सेवन करना सही नहीं होता है.

झूठ और क्रोध से बचना चाहिए

  • सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. खासकर सोमवार व्रत के दिन भूलकर भी झूठ या क्रोध नहीं करना चाहिए.

शिवलिंग पर तुलसी अर्पित न करें

  • सोमवार व्रत के दौरान शिवलिंग पर तुलसी का पत्ता नहीं अर्पण करना चाहिए.

अर्धरात्रि में शिवलिंग पर जल न चढ़ाएं:

  • सावन सोमवार के दिन अर्धरात्रि के समय जलाभिषेक नहीं करना चाहिए. इसके लिए सुबह या शाम का समय निर्धारित है.

काले वस्त्र न पहने

  • श्रावण मास के पहले सोमवार को भूलकर भी काले रंग के वस्त्रों को धारण नहीं करना चाहिए. साथ ही किसी भी मंदिर में चमड़े से बनी चीजों को पहनकर न जाएं.

शिव जी की आरती 

ॐ जय शिव ओंकारा,
स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,
अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥

एकानन चतुरानन
पंचानन राजे ।
हंसासन गरूड़ासन
वृषवाहन साजे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥

दो भुज चार चतुर्भुज
दसभुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूप निरखते
त्रिभुवन जन मोहे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥

अक्षमाला वनमाला,
मुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै,
भाले शशिधारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥

श्वेताम्बर पीताम्बर
बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक
भूतादिक संगे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥

कर के मध्य कमंडल
चक्र त्रिशूलधारी ।
सुखकारी दुखहारी
जगपालन कारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर में शोभित
ये तीनों एका ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥

त्रिगुणस्वामी जी की आरति
जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी
सुख संपति पावे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!