अबतक इंडिया न्यूज 6 अगस्त भीलवाड़ा।श्री बाबा धाम के अध्यक्ष विनीत अग्रवाल के सानिध्य में श्री बाबाधाम पर सहस्त्रधारा, रूद्राभिषेक, श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया। श्री बाबाधाम मंदिर पर ऋण मुक्तेश्वर गौरी शंकर महादेव का विशेष श्रृंगार किया गया। इस स्थान की ऐसी महिमा है कि प्रत्येक गुरूवार को चने की दाल महादेव जी के चढ़ाई जाती है जिससे पितृ ऋण, मातृ ऋण, सखा ऋण से मुक्ति मिलती है। चने की दाल मंदिर की तरफ से निःशुल्क उपलब्ध होती है। भारत देश का यह पहला शिवलिंग है जिसमंे शिवजी, माता पार्वतीजी व गणेशजी एक ही शिवलिंग में विद्यमान है। पूरे सावन मास में प्रतिदिन विशेष आकर्षक श्रृंगार किया जा रहा है। आज विशेष शिवलिंग का श्रृंगार किया गया। श्री बाबाधाम पर शिव दरबार को विशेष आकर्षक, रंग बिरंगी, झिलमिल मनमोहक लाईटिंग और फल-फूलों से सजावट की गयी। श्री बाबा धाम मंदिर में सुबह से ही भक्त महादेव की भक्ति में रम गये। पूरे मंदिर प्रांगण में हर-हर महादेव भोले बाबा के जयकारें गुंजने लगे। श्री बाबाधाम के पं. गौतम गोविन्द, पं. शिवप्रकाश जोशी व योगेन्द्र शर्मा द्वारा मंत्रोच्चारण व विधि विधान से पूजा अर्चना प्रारंभ हुई। सांयकाल 4.15 बजे से 1008 किलो. दूध का रूद्राभिषेक प्रारंभ हुआ जो कि सांयकाल 7.00 बजे तक चला, इसके अलावा भगवान की बिल्वपत्र, आक के फूल, धतुरा आदि से पूजा की गई। जल, दूध, पंचामृत, गन्ने का रस आदि से शिव भगवान का अभिषेक किया गया। हजारों भक्तों ने ऋणमुक्तेश्वर गौरी शंकर महादेव के रूद्राभिषेक के साथ ओम नमः शिवाय, हर हर महादेव की जयघोष के साथ अपनी मनोकामना पूर्ण की। इन सभी भावनाओं के साथ रूद्राभिषेक किया गया। सभी भक्तों के लिए दूध की व्यवस्था मंदिर प्रांगण मंे निःशुल्क की गयी। श्री माँ अन्नपूर्णा वैष्णों देवी का भव्य श्रृंगार किया गया। महिला मण्डल द्वारा भजन कार्यक्रम के तहत कई भजन गाये गये जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया। भक्तों ने पूजा कर सुख-समृद्धि, परिवार की खुशहाली की कामना की। सांयकाल सहस्त्रधारा, रूद्राभिषेक के बाद महाआरती हुई। इस आरती के पश्चात् सभी भक्तों को ठण्डाई प्रसाद बांटा गया। यह ठण्डाई भगवान के चढ़ाये गये दूध से ही बनाई गयी। सभी सेवादारों के द्वारा सेवाएं दी गयी। हजारों भक्तों के आने के बाद भी सभी भक्तजनों को आराम से दर्शन व सहस्त्रधारा रूद्राभिषेक आसानी से किया और पुनः मंदिर प्रांगण में भोले के साथ जय माता दी, जय बाबा की, जय बाबा के घोष गुंजे। इस सहस्त्रधारा रूद्राभिषेक में हजारों भक्तों ने पधार कर धर्म का लाभ लिया।
इनपुट स्टोरी : पंकज पोरवाल