अबतक इंडिया न्यूज 6 अगस्त । हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को “डेड अर्थव्यवस्था (Dead Economy)” कहकर तंज कसा था और भारतीय सामानों पर 25% टैरिफ यानी आयात कर लगाने की बात कही. साथ ही, उन्होंने रूस से सैन्य उपकरण और कच्चा तेल खरीदने के लिए भारत पर “अतिरिक्त जुर्माना” लगाने की भी बात की.
इस बयान के जवाब में आज भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने साफ कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत है और वैश्विक बदलावों के बीच भी इसका भविष्य उज्ज्वल है. आरबीआई गवर्नर ने 6 अगस्त को मौद्रिक नीति की घोषणा के दौरान कहा कि भारत की जीडीपी ग्रोथ 2025-26 में 6.5% रहेगी, जैसा पहले अनुमान था.
भारत की आर्थिक नींव है मजबूत
गवर्नर मल्होत्रा ने ट्रंप के टैरिफ वाले बयान पर चिंता जताई और कहा कि ग्लोबल ट्रेड में ऐसी अनिश्चितताएं भारत के विकास को प्रभावित कर सकती हैं. आपको बता दें कि ट्रंप ने अप्रैल 2025 में भारत पर 27% टैरिफ की घोषणा की थी, लेकिन इसे 90 दिनों के लिए टाल दिया गया था.
हालांकि, भारतीय सामानों पर अमेरिका ने 25% टैरिफ यानी आयात कर लगाने की जानकारी दी है. मल्होत्रा ने बताया है कि ये टैरिफ भारत के निर्यात को नुकसान पहुंचा सकते हैं, क्योंकि इससे भारतीय सामानों की कीमत बढ़ेगी और वैश्विक बाजार में उनकी मांग कम हो सकती है. फिर भी, उन्होंने भरोसा जताया कि भारत की मजबूत आर्थिक नींव इसे संभाल लेगी.
हाइलाइट्स
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भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है: आरबीआई गवर्नर
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भारत की जीडीपी ग्रोथ 2025-26 में 6.5% रहेगी
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टैरिफ से भारत के निर्यात को नुकसान हो सकता है
ग्लोबल ट्रेड में उथल-पुथल
उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को कई चीजें सपोर्ट कर रही हैं, जैसे अच्छा मानसून, कम महंगाई, कारखानों में बढ़ती गतिविधि और अनुकूल वित्तीय स्थिति. सरकार की ओर से बड़े पैमाने पर कैपिटल एक्सपेंडिचर और मजबूत नीतियां भी अर्थव्यवस्था को गति दे रही हैं. गवर्नर मल्होत्रा ने ये भी बताया कि सर्विस सेक्टर, खासकर निर्माण और व्यापार, में तेजी बनी रहेगी. ट्रंप के टैरिफ से ग्लोबल ट्रेड में उथल-पुथल हो सकती है, लेकिन भारत की घरेलू मांग और मजबूत आर्थिक नीतियां इसे स्थिर रखेंगी.
भारत के लिए ये है गर्व की बात
ट्रंप के बयान पर मल्होत्रा ने साफ किया कि भारत की अर्थव्यवस्था “मृत(Dead)” नहीं, बल्कि जीवंत और बढ़ने वाली है. उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार की अनिश्चितता के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था अपनी ताकत के दम पर आगे बढ़ेगी. तिमाही के हिसाब से देखें तो पहली तिमाही में 6.5%, दूसरी में 6.7%, तीसरी में 6.6% और चौथी में 6.3% ग्रोथ का अनुमान है.
गवर्नर का ये बयान भारत के लिए गर्व की बात है, क्योंकि ये दिखाता है कि वैश्विक दबावों के बीच भी हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है. इसके अलावा एक्सपर्ट ने भी एमपीसी पॉलिसी से जुड़ी जानकारी दी है. CNBC से बातचीत के दौरान अभय अग्रवाल (Piper Serica) ने बताया कि भारत की फिस्कल कंडिशन अभी Bening बनी हुई है. बाजार की पॉलिसी से ज्यादा टैरिफ वार पर नजर टिकी हुई है. ये अभी चिंता का विषय नहीं है कि एक रेट कट होगा या दो रेट कट होगा. ये सभी चीजें प्रेडिक्टेबल हैं. मार्केट के लिए बड़ी चिंता है ‘Fear of Unknown’ यानी. इस समय इंडिया ने हार्ड स्टांस लिया है, यूएस ने भी हार्ड स्टांस लिया है. साथ ही, टैरिफ को लेकर भी अभी अनसर्टिनिटी बनी हुई है. साथ ही कंपनियों की अर्निंग्स भी आ रही है. जिसका असर मार्केट पर देखा जा सकता है.