अबतक इंडिया न्यूज 27 जून फिरोजाबाद। 20 जून 2025 की रात, खूंखार अपराधी और 50 हजार का इनाम, जो दिखने में तो एक साधारण इंसान की तरह दिखता था, लेकिन उसकी सच्चाई जान आपके होश उड़ जाएंगे. हम बात कर रहे हैं राजू खान के बारे में… क्या कहा- आप नहीं जानते राजू खान को? कोई बात नहीं, हम बताते हैं ये राजू खान चकल्लस है क्या.
तो, कहानी शुरू होती है फिरोजाबाद के शिकोहाबाद से, जहां कुछ महीने पहले डबल मर्डर ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी थी. मार्च की एक रात को राजू ने एक दंपति को लूटा और फिर उनकी हत्या कर दी. इसके बाद 15 जून को वृद्धा पूरन देवी, जो अपने घर के बाहर सो रही थीं, उनकी भी लूट के बाद हत्या कर दी गई. लेकिन यह तो केवल शुरुआत थी. सितंबर 2024 में मथुरा के कोसीकलां में 75 साल की माया को भी उसी तरह बेरहमी से मार डाला गया. चार हत्याओं का इल्जाम राजू खान पर था, जिसमें तीन महिलाएं और एक पुरुष शामिल थे.
भयंकर चालाक था राजू
राजू की चालाकी ऐसी थी कि वह अपने परिवार को भी धोखे में रखता था. वह अपनी पत्नी और बच्चों से कहता था कि वह फैक्ट्री में काम करने जा रहा है. परिवार को कहता कि मुझे मालिक महीने में सिर्फ 8-10 दिन के लिए बुलाते हैं. वह झूठ बोलता और घर से निकल पड़ता लेकिन हकीकत में वह किसी नई साजिश को अंजाम देने की तैयारी में होता था. वह एक पिट्टू बैग में धारदार हथियार और पिस्टल लेकर चलता था. उसका टारगेट सूनसान गलियां और घर के बाहर सो रही बुजुर्ग महिलाएं होती थीं.
राजू की चालाकी ऐसी थी कि वह अपने परिवार को भी धोखे में रखता था. वह अपनी पत्नी और बच्चों से कहता था कि वह फैक्ट्री में काम करने जा रहा है. परिवार को कहता कि मुझे मालिक महीने में सिर्फ 8-10 दिन के लिए बुलाते हैं. वह झूठ बोलता और घर से निकल पड़ता लेकिन हकीकत में वह किसी नई साजिश को अंजाम देने की तैयारी में होता था. वह एक पिट्टू बैग में धारदार हथियार और पिस्टल लेकर चलता था. उसका टारगेट सूनसान गलियां और घर के बाहर सो रही बुजुर्ग महिलाएं होती थीं.
लूटपाट के बाद…
राजू बहुत सोच-समझकर अपराध करता, वह पहले कई दिनों तक अपने टारगेट वाले इलाके में रेकी करता. दूसरे थाना क्षेत्र में रहकर वह वहां के माहौल को समझता, लोगों की दिनचर्या पर नजर रखता और फिर सही मौके पर वार करता. लूटपाट के बाद अगर कोई विरोध करता, तो वह बेरहमी से मारपीट करता और हत्या कर देता. हत्या के बाद वह अपने कपड़े बदल लेता, ताकि सीसीटीवी कैमरों में पकड़ा न जाए. फिर वह गायब हो जाता, जैसे कुछ हुआ ही न हो.
राजू बहुत सोच-समझकर अपराध करता, वह पहले कई दिनों तक अपने टारगेट वाले इलाके में रेकी करता. दूसरे थाना क्षेत्र में रहकर वह वहां के माहौल को समझता, लोगों की दिनचर्या पर नजर रखता और फिर सही मौके पर वार करता. लूटपाट के बाद अगर कोई विरोध करता, तो वह बेरहमी से मारपीट करता और हत्या कर देता. हत्या के बाद वह अपने कपड़े बदल लेता, ताकि सीसीटीवी कैमरों में पकड़ा न जाए. फिर वह गायब हो जाता, जैसे कुछ हुआ ही न हो.
पुलिस ने बताई हैरान कर देने वाली बात
एसएसपी सौरभ दीक्षित ने बताया, ‘राजू खान एक खतरनाक साइको किलर था. वह खासतौर पर कमजोर और बुजुर्ग लोगों को निशाना बनाता था. उसकी हरकतें इतनी अजीब होती थीं कि उसे पकड़ना आसान नहीं था.’ पुलिस को राजू के बैग से कई सबूत मिले, जिनमें हथियार और कुछ लूट का सामान भी शामिल था. यह भी पता चला कि वह हर बार 15-20 दिन की साजिश रचने के बाद ही घर से निकलता था. उसकी पत्नी को लगता था कि वह मेहनत-मजदूरी कर रहा है, लेकिन असल में वह खून करने निकलता था.
एसएसपी सौरभ दीक्षित ने बताया, ‘राजू खान एक खतरनाक साइको किलर था. वह खासतौर पर कमजोर और बुजुर्ग लोगों को निशाना बनाता था. उसकी हरकतें इतनी अजीब होती थीं कि उसे पकड़ना आसान नहीं था.’ पुलिस को राजू के बैग से कई सबूत मिले, जिनमें हथियार और कुछ लूट का सामान भी शामिल था. यह भी पता चला कि वह हर बार 15-20 दिन की साजिश रचने के बाद ही घर से निकलता था. उसकी पत्नी को लगता था कि वह मेहनत-मजदूरी कर रहा है, लेकिन असल में वह खून करने निकलता था.
50,000 रुपये का इनाम
शिकोहाबाद में डबल मर्डर के बाद लोगों में डर का माहौल था. पुलिस पर भी दबाव बढ़ रहा था कि इस सिलसिलेवार हत्यारे को जल्द से जल्द पकड़ा जाए. यही कारण था कि पुलिस ने इस साइको पर 50,000 रुपये का इनाम रखा था. फिर आखिरकार, 20 जून की रात को पुलिस ने राजू को घेर लिया. मुठभेड़ में राजू मारा गया और इलाके ने राहत की सांस ली.