अबतक इंडिया न्यूज 27 जून । महाराष्ट्र में नया सियासी समीकरण उभरता दिख रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे सियासी मंच पर एकसाथ दिखने वाले हैं. इसके कोर में मराठी अस्मिता है.
दरअसल, ठाकरे बंधुओं का आरोप है कि महाराष्ट्र सरकार हिंदी थोप रही है. देवेंद्र फडणवीस सरकार ने हाल ही में आदेश जारी किया था, जिसमें मराठी और अंग्रेजी भाषा के स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक तीसरी भाषा के रूप में हिंदी पढ़ाए जाने की बात थी. इस त्रिभाषा आदेश के खिलाफ राजनीतिक दलों ने मोर्चा खोल दिया.
महाराष्ट्र सरकार ने नई एजुकेशन पॉलिसी के मुताबिक महाराष्ट्र के सरकारी स्कूलों में तीसरी भाषा के तौर पर हिन्दी को रखा है. सरकार ने ऑप्शन भी दिया है कि अगर किसी क्लास में बीस बच्चे हिंदी के बजाए कोई दूसरी भाषा पढ़ना चाहते हैं तो उन्हें वही लैंगवेज पढ़ाई जाएगी. इस फैसले को महाराष्ट्र के विपक्षी दल मराठी भाषा को खत्म करने की साजिश बता रहे हैं .
राज ठाकरे ने किया फोन
इसी के विरोध में राज ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे अब एकसाथ मोर्चा निकालेंगे. पहले उद्धव ठाकरे 6 जुलाई और राज ठाकरे 7 जुलाई को मुंबई में मोर्चा निकालने वाले थे, लेकिन राज ठाकरे ने फोन कर अलग-अलग मोर्चा निकालने पर आपत्ति जताई. जिसके बाद 5 जुलाई को मोर्चा निकालने पर सहमति बनी. अब दोनों भाई एक साथ 5 जुलाई को मोर्चा निकालेंगे.
दोनों भाइयों के फैसले की शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने आधिकारिक जानकारी दी. उन्होंने शुक्रवार (27 जून) को दोनों भाइयों को लेकर दो अलग-अलग पोस्ट किया और तस्वीरें शेयर की. एक पोस्ट में संजय राउत ने कहा, ”जय महाराष्ट्र! महाराष्ट्र के स्कूलों में अनिवार्य हिंदी के खिलाफ एक और एकजुट मार्च निकाला जाएगा. ठाकरे ही ब्रांड हैं!”