अबतक इंडिया न्यूज 16 अगस्त । राजस्थान राज्य अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (RSMSSB) ने कल रविवार को होने वाली पटवारी भर्ती परीक्षा के दौरान सुरक्षा और पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए धातु (मैटल) से बनी वस्तुएं पहनने पर पूरी तरह रोक लगाई है. बोर्ड अध्यक्ष आलोक राज ने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई भी वस्तु जिसकी जांच मैटल डिटेक्टर से न हो सके, परीक्षा केंद्र में ले जाने की अनुमति नहीं होगी.
यहां तक कि ताबीज पहनकर भी आने की इजाज़त नहीं दी जाएगी. हालांकि सिख धर्म के अभ्यर्थियों को कड़ा और कृपाण पहनने की अनुमति होगी, लेकिन इसकी भी जांच अनिवार्य होगी. इसके अलावा कलावा, मोली और जनेऊ जैसे धार्मिक प्रतीकों पर कोई रोक नहीं होगी.
बोर्ड ने उम्मीदवारों से जीन्स पहनकर परीक्षा केंद्र पर न आने की अपील की है. परीक्षा के दौरान किसी भी तरह की धातु वस्तु या अतिरिक्त सामान लाने पर पाबंदी होगी. इस बार पटवारी भर्ती परीक्षा के लिए प्रदेशभर में 1030 केंद्र बनाए गए हैं, जहां कुल 6 लाख 76 हजार अभ्यर्थी परीक्षा देंगे. इनमें सबसे अधिक 1 लाख 34 हजार उम्मीदवार जयपुर में परीक्षा देंगे, जबकि जोधपुर में 54 हजार, भरतपुर में 35 हजार और अन्य जिलों में भी बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शामिल होंगे.
दो पारियों में होगी परीक्षा
परीक्षा दो पारियों में करवाई जायेगी. पहली पारी सुबह 10 बजे और दूसरी दोपहर 3 बजे शुरू होगी. बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा शुरू होने से एक घंटा पहले प्रवेश बंद कर दिया जाएगा. इसलिए अभ्यर्थियों को समय से पहले केंद्र पर पहुंचने की सलाह दी गई है. बारिश के मौसम को देखते हुए उम्मीदवारों को अतिरिक्त समय का मार्जिन रखना होगा. प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर बायोमेट्रिक और फेस-स्कैनिंग की जाएगी, जिससे प्रवेश प्रक्रिया में अधिक समय लग सकता है.
हाथों पर मेहंदी लगाने के लिए किया मना
महिला अभ्यर्थियों को परीक्षा के दिन हाथों पर मेहंदी लगाने से मना किया गया है, क्योंकि इससे फिंगरप्रिंट स्कैनिंग प्रभावित हो सकती है. इसके अलावा मैटलिक ज्वैलरी पहनकर आने पर भी रोक रहेगी. आलोक राज ने कहा कि मंगलसूत्र जैसी धातु की वस्तु पहनकर आने पर जांच के दौरान इसे उतारना होगा, लेकिन जांच पूरी होते ही महिला अभ्यर्थी इसे फिर से पहन सकती हैं.
शिफ्ट और परीक्षा केंद्र को अच्छी तरह जांच लें
बोर्ड ने सभी उम्मीदवारों को सलाह दी है कि वे अपनी शिफ्ट और परीक्षा केंद्र को अच्छी तरह जांच लें. कई बार अभ्यर्थी मिलते-जुलते नाम वाले केंद्रों पर पहुंच जाते हैं या केवल रोल नम्बर के अंतिम तीन अंक देखकर गलत सीट पर बैठ जाते हैं. इससे उनकी उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाती और वे परीक्षा से वंचित हो जाते हैं. आलोक राज ने कहा कि हर उम्मीदवार को अपने रोल नम्बर और केंद्र की पुख्ता जांच करनी होगी.