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‘एक व्यक्ति, एक विरासत’ का हुआ विमोचन, साहित्य, संस्कार और संघर्ष की त्रिवेणी का सजीव दस्तावेज़ है पुस्तक

अबतक इंडिया न्यूज बीकानेर, 19 जून। शिव प्रताप जोशी का व्यक्तित्व और कृतित्व साहित्य, संस्कार और संघर्ष की त्रिवेणी का सजीव दस्तावेज़ है। उनके जीवन अनुभवों को संकलित करते हुए पुस्तक के रूप में प्रकाशित करना अच्छा प्रयास है। यह युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादाई रहेगा।

मुंबई स्थित बुलियन मार्केट के चेयरमैन रहे शिव प्रताप जोशी की जीवनी पर शिक्षाविद रामजी व्यास द्वारा लिखित पुस्तक ‘एक व्यक्ति, एक विरासत’ के विमोचन के दौरान अतिथियों ने यह उद्गार व्यक्त किए।

बेसिक पीजी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के कुलगुरु आचार्य मनोज दीक्षित ने कहा कि यह पुस्तक सही मायनों में जीवन दर्शन है। अनेक प्रतिकूलताओं के बावजूद सफलता हासिल करना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। शिव प्रताप जोशी ने उस दौर के बीकानेर जैसे छोटे से शहर से निकलकर मुंबई में अपनी विशेष पहचान बनाई। आज के युवाओं को उनके जीवन से सीख लेनी चाहिए।

पुलिस महानिरीक्षक श्री ओमप्रकाश ने कहा कि शिव प्रताप जोशी के जीवन पर आधारित पुस्तक हमें कर्मठता, संघर्ष और सेवा भावना को आत्मसात करने को सीख देती है। उन्होंने कहा कि आज के समय में जब मूल्य और आदर्श कमजोर हो रहे हैं। ऐसे में शिव प्रताप जोशी जैसे व्यक्तित्व के जीवन से सीख लेना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक आने वाली पीढ़ियों के लिए मजबूत नैतिक स्तंभ का कार्य करेगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रामजी व्यास ने बताया कि पुस्तक उनके नाना शिव प्रताप जोशी के जीवन पर आधारित है। उन्होंने अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना किया, लेकिन इनसे घबराए नहीं और मुंबई में एक दुकान के काम के साथ जीवन की शुरुआत की तथा बुलियन मार्केट के चेयरमैन बने। उन्होंने कहा कि पुस्तक सिर्फ उनकी जीवनी नहीं, शिव प्रताप जोशी के विचारों, सिद्धांतों और मूल्यों को जीवित रखने का प्रयास है।

कार्यक्रम में जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पचीसिया, समाजसेवी राजेश चूरा, राजकीय डूंगर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र पुरोहित, राजेश रंगा, सोहनलाल जोशी, रामेश्वर जोशी, साहित्यकार मनमोहन सिंह यादव, डॉ. राजनारायण व्यास सहित पत्रकार, अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता और विद्यार्थी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

इससे पहले अतिथियों ने पुस्तक का विमोचन किया। स्व. शिव प्रताप जोशी की स्मृति में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

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