अबतक इंडिया न्यूज 1 जुलाई । केंद्र सरकार ने नए लोगों को नौकरी से जोड़ने और औपचारिक क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए 1 नई योजना को आज मंजूरी दे दी. इस योजना को मंगलवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में हरी झंडी दिखा दी गई. यह योजना है एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ELI) स्कीम. इसके 2 मुख्य भाग है. पहले भाग कर्मचारियों को सैलरी के अतिरिक्त पैसा देने से जुड़ा है. दूसरा भाग कंपनियों को अतिरिक्त कर्मचारी रखने के लिए इंसेंटिव देने से संबंधित है. यानी अगर आपके पास टैलेंट है तो नौकरी तो आपके पास आएगी ही, साथ में एक्स्ट्रा पैसा भी मिलेगा.
आपको बता दें कि इस योजना का ऐलान पिछले साल के बजट में किया गया था लेकिन इसे मंजूरी अब दी गई है. ELI स्कीम के लिए 99,446 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसका लक्ष्य 2 साल में 3.5 करोड़ नौकरियां पैदा करना है, जिनमें 1.92 करोड़ पहली बार नौकरी करने वाले (फर्स्ट-टाइमर्स) होंगे. यह स्कीम 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक बनने वाली नौकरियों पर लागू होगी. आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं.
ELI स्कीम दो हिस्सों में बंटी है. भाग A (पहली बार नौकरी करने वालों के लिए) और भाग B (नियोक्ताओं के लिए समर्थन). दोनों हिस्से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के साथ रजिस्ट्रेशन पर आधारित हैं और औपचारिक रोजगार को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं.
भाग A: पहली बार नौकरी करने वालों के लिए इन्सेंटिव
लाभ
पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को, जो EPFO में रजिस्टर्ड हैं, एक महीने की सैलरी (अधिकतम 15,000 रुपये) दो किस्त में दी जाएगी. पहली किस्त 6 महीने की सेवा के बाद के मिलेगी. वहीं, दूसरी किस्त 12 महीने की सेवा और एक ऑनलाइन फाइनेंशियल लिटरेसी कोर्स पूरा करने के बाद में मिलेगी.
पात्रता
1 लाख रुपये तक की मासिक सैलरी वाले कर्मचारी, जो पहली बार औपचारिक क्षेत्र में नौकरी शुरू कर रहे हैं. कर्मचारियों का आधार उनके bank account के साथ लिंक होना जरूरी है।
अन्य जानकारी
इंसेंटिव का हिस्सा एक बचत खाते में जमा होगा, जिसे कर्मचारी बाद में निकाल सकता है. इस हिस्से से 1.92 करोड़ नए कर्मचारियों को फायदा होगा.
उदारहरण
मान लीजिए, मुंबई की प्रिया ने एक IT कंपनी में 50,000 रुपये मासिक सैलरी पर अपनी पहली नौकरी शुरू की. वह EPFO में रजिस्टर्ड है और उसका आधार बैंक खाते से लिंक है. 6 महीने बाद उसे 7,500 रुपये की पहली किश्त मिलेगी, और 12 महीने बाद, फाइनेंशियल लिटरेसी कोर्स पूरा करने पर, बाकी 7,500 रुपये. यह पैसा प्रिया को आर्थिक स्थिरता देगा और बचत की आदत डालेगा.
पात्रता
- EPFO में रजिस्टर्ड प्रतिष्ठानों को कम से कम 2 (50 से कम कर्मचारियों वाले) या 5 (50 या अधिक कर्मचारियों वाले) अतिरिक्त कर्मचारी 6 महीने तक रखने होंगे.
- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में नियोक्ताओं को पिछले 3 साल का EPFO योगदान का रिकॉर्ड दिखाना होगा.
इन्सेंटिव की संरचना
- 10,000 रुपये तक की सैलरी: 1,000 रुपये/माह.
- 10,000-20,000 रुपये की सैलरी: 2,000 रुपये/माह.
- 20,000 रुपये से अधिक (1 लाख तक): 3,000 रुपये/माह.
उदाहरण
दिल्ली में एक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी, जो EPFO में रजिस्टर्ड है, 10 नए कर्मचारियों को 30,000 रुपये मासिक सैलरी पर रखती है. कंपनी को प्रत्येक कर्मचारी के लिए 2 साल तक हर महीने 3,000 रुपये का इंसेंटिव मिलेगा, और मैन्युफैक्चरिंग होने के कारण तीसरे-चौथे साल में भी लाभ मिलेगा. अगर कंपनी 1,000 से ज्यादा नौकरियां बनाती है, तो रीइंबर्समेंट तिमाही आधार पर होगा.
भाग B: नियोक्ताओं के लिए समर्थन
लाभ
नियोक्ताओं को 1 लाख रुपये तक की सैलरी वाले अतिरिक्त कर्मचारियों को काम पर रखने के लिए 2 साल तक प्रति माह 3,000 रुपये तक का इंसेंटिव मिलेगा. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में यह इंसेंटिव तीसरे और चौथे साल तक बढ़ाया जाएगा.