August 27, 2025 6:47 pm

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राहुल गांधी के आरोप पर चुनाव आयोग का जवाब- सबूत हो तो दें, सभी मतदाताओं को चोर कहना गलत

अबतक इंडिया न्यूज 14 अगस्त । बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. बुधवार देर रात नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने NDA सांसद वीणा देवी पर गंभीर आरोप लगाए. तेजस्वी का दावा है कि वैशाली की सांसद वीणा देवी के पास दो अलग-अलग EPIC ID हैं. जो दो अलग-अलग जिलों, लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों में दर्ज हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों कार्ड में उम्र भी अलग है और मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) के दौरान दो अलग-अलग गणना फॉर्म भरे गए.

उधर, बीजेपी ने चुनावी तैयारियों में बढ़त लेते हुए पहली बार दूसरे राज्यों के संगठन महामंत्रियों को बिहार में जिम्मेदारियां सौंपी हैं. पार्टी ने क्षेत्रवार नेताओं की तैनाती कर दी है.

बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 30 प्रस्तावों पर मुहर लगी. इसमें सबसे अहम फैसला बिहार विधानमंडल के सदस्यों के वेतन, भत्ता और पेंशन नियमावली 2006 में संशोधन का रहा, जिससे विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के वेतन-पेंशन व्यवस्थाओं में सुधार होगा.

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने SIR को लेकर सुनवाई में कहा कि मतदाता सूची का पुनरीक्षण जरूरी है और पहचान के दस्तावेज 7 से बढ़ाकर 11 करना मतदाताओं के हित में है. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि निर्वाचन आयोग को ऐसी प्रक्रिया चलाने का पूरा अधिकार है और इसे रद्द करने की मांग को खारिज कर दिया.

राहुल गांधी के आरोप पर चुनाव आयोग ने दिया जवाब

राहुल गांधी और विपक्षी नेताओं के “वोट चोरी” के आरोप पर निर्वाचन आयोग ने कड़ा बयान जारी किया है. आयोग ने कहा कि “वन पर्सन, वन वोट” का कानून भारत में पहले आम चुनाव 1951-52 से ही लागू है और इसका सख्ती से पालन होता है. चुनाव आयोग ने चुनौती दी कि अगर किसी के पास यह सबूत है कि किसी व्यक्ति ने किसी चुनाव में दो बार वोट डाला है, तो वह शपथपत्र के साथ लिखित रूप में आयोग को सौंपे. बिना प्रमाण के भारत के सभी मतदाताओं को “चोर” कहना गलत है. आयोग ने यह भी कहा कि “वोट चोरी” जैसे अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर झूठा नैरेटिव बनाने की कोशिश न केवल करोड़ों मतदाताओं का अपमान है, बल्कि लाखों ईमानदार चुनाव कर्मियों की मेहनत और निष्ठा पर भी सवाल उठाने जैसा है.

SC ने कहा- बिहार में मतदाता सूची का पुनरीक्षण जरूरी, पहचान दस्तावेज़ बढ़ाना मतदाताओं के हित में

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि मतदाता सूची एक जैसी नहीं रह सकती, समय-समय पर इसका पुनरीक्षण जरूरी है. बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के लिए पहचान के मान्य दस्तावेजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 11 करना मतदाताओं के लिए फायदेमंद है, न कि उन्हें बाहर करने वाला कदम. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग को जरूरत और समझ के हिसाब से यह प्रक्रिया चलाने का पूरा अधिकार है. कोर्ट ने उस दलील को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि बिहार में SIR का कोई कानूनी आधार नहीं है और इसे रद्द किया जाना चाहिए. राजद, कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल और एनजीओ ‘एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (ADR) ने इस प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

तेजस्वी के आरोप पर बोलीं वीणा देवी – साहेबगंज में ही डालती हूं वोट, मुजफ्फरपुर की एंट्री कर्मियों की गलती

तेजस्वी यादव के दो-दो EPIC नंबर वाले आरोप पर सांसद वीणा देवी ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि उनका पैतृक गांव साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र में है और वे हमेशा यहीं वोट डालती हैं. वीणा देवी के मुताबिक, मुजफ्फरपुर मतदाता सूची में उनका नाम कर्मियों की गलती से दर्ज हो गया था. इस गलती को सुधारने के लिए उन्होंने वर्षों पहले ही आवेदन देकर नाम हटाने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि उनका वोट केवल साहेबगंज विधानसभा में ही है और वहीं वे मतदान करती हैं. मुजफ्फरपुर में दर्ज नाम का उनसे कोई लेना-देना नहीं है, यह केवल लापरवाही का नतीजा है.

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