August 27, 2025 6:51 pm

Home » राज्य » महाराष्ट्र » चुनाव आयोग का ‘ऑपरेशन क्‍लीन’: सिर्फ वोटर ल‍िस्‍ट की सफाई नहीं, 476 पार्टियां भी होंगी बाहर

चुनाव आयोग का ‘ऑपरेशन क्‍लीन’: सिर्फ वोटर ल‍िस्‍ट की सफाई नहीं, 476 पार्टियां भी होंगी बाहर

अबतक इंडिया न्यूज 11 अगस्त । देश में चुनावी व्यवस्था को साफ-सुथरा बनाने के लिए चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई शुरू की है. पहले बिहार से स्‍पेशल इंटेंस‍िव रिवीजन (SIR) की शुरुआत हुई, और 65 लाख से ज्‍यादा वोटर बाहर हो गए. अब इलेक्‍शन कमीशन 476 पार्टियों को रज‍िस्‍टर्ड दलों की ल‍िस्‍ट से बाहर करने जा रहा है. इनमें सबसे ज्यादा 121 दल यूपी के हैं, जबकि दिल्ली के 41 और महाराष्ट्र के 44 दल हैं. 

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A के तहत जब कोई संगठन राजनीतिक दल के तौर पर रज‍िस्‍टर्ड होता है, तो उसे चुनाव चिह्न, टैक्‍स में छूट जैसी कई सुविधाएं मिलती हैं. लेकिन नियम ये भी कहता है कि अगर कोई दल लगातार 6 साल तक एक भी चुनाव में हिस्सा नहीं लेता, तो उसका नाम सूची से काटा जा सकता है. चुनाव आयोग के मुताबिक, 2019 से अब तक इन 476 दलों ने एक भी चुनाव नहीं लड़ा है. ऐसे में इन्हें हटाने का रास्ता साफ है. आयोग का कहना है कि यह कदम इलेक्‍शन सिस्‍टम की सफाई और पारदर्शिता बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है.
मिलेगा जवाब देने का मौका
इस सफाई अभियान का पहला चरण 9 अगस्त 2025 को पूरा हो चुका है, जिसमें 334 पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को डीलिस्ट कर दिया गया था. इससे देश में ऐसे दलों की संख्या 2,854 से घटकर 2,520 रह गई. अब दूसरे चरण में 476 दलों पर कार्रवाई की तैयारी है. आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इन दलों को कारण बताओ नोटिस भेजें और सुनवाई करें. इसके बाद ही आयोग अंतिम फैसला लेगा, ताकि किसी को बिना मौका दिए सूची से न हटाया जाए. 

राज्यवार आंकड़े
उत्तर प्रदेश: 121

महाराष्ट्र: 44
तमिलनाडु: 42

दिल्ली: 41
बिहार: 34

आंध्र प्रदेश: 17
असम: 35

हरियाणा: 17
जम्मू और कश्मीर: 12

मध्य प्रदेश: 23
महाराष्ट्र: 44

पंजाब:  21
राजस्थान: 18

तमिलनाडु: 42
उत्तराखंड: 11

पश्चिम बंगाल: 12
कई और राज्‍य भी ल‍िस्‍ट में
बाकी राज्यों में यह संख्या कुछ से लेकर दर्जनों तक है, लेकिन कुल आंकड़ा 476 तक पहुंचता है. चुनाव आयोग का कहना है कि इस कदम से फर्जी या निष्क्रिय दलों के नाम पर मिलने वाले फायदे और संभावित दुरुपयोग पर लगाम लगेगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!