अबतक इंडिया न्यूज देशनोक 18 अगस्त । देशनोक चल रहा प्रमुख नाला निर्माण को लेकर निम्नस्तरीय ओछी राजनीति चरम पर है।विधायक निधि कोष से क्षेत्रीय विधायक द्वारा लगभग एक करोड़ की राशि से शुरू हुए निर्माण कार्य को लेकर स्थानीय भाजपाई जनप्रतिनिधि सुचारू रूप से गुणवत्तापूर्ण निर्माण करवाने में अबतक नाकाम साबित हुए है।
दो खण्ड में सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा नाला निर्माण का कार्य आदेश जारी हुआ है।दोनों ही ठेकेदारों में कोई तालमेल नही है जिससे तकनीकी गुणवत्ता संदिग्धता की भेंट चढ़ गई है।चार सालों से नासूर बनी कीचड़ समस्या से निजात दिलाने के लिए विधायक निधि कोष से शुरू हुए इस नाले को लेकर कोई भी भाजपाई पार्षद गंभीर नही है।
जनप्रतिनिधियों की स्वार्थपरक ओछी राजनीति में फुटव्वल बना आमजन
स्थानीय जनप्रतिनिधियों की स्वार्थपरक ओछी राजनीति व बंदरबांट की घटिया मानसिकता के कारण नाला निर्माण जो आमजन के लिए राहत बनना था वो आफत बन गया है। अटक -अटक कर खण्ड-खण्ड में चल रहा नाला निर्माण कार्य आम नागरिक के गले की फांस बन चुका है। ठेकेदार प्रतिनिधि कुशाल दान ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि कुछ स्थानीय पार्षद तरह -तरह की बेतुकी अड़चने पैदा कर रहे है।पीडब्ल्यूडी के अधिकारी भी उनके सुर में सुर मिला रहे है।
साधुमार्गी जैन समाज के चातुर्मास में भी व्यवधान
देशनोक साधुमार्गी जैन समाज द्वारा अखिल भारतीय स्तर का आचार्य रामलाल जी म.सा. का चातुर्मास भी इसी मार्ग पर स्थित जैन जवाहर मंडल में चल रहा है।इस चातुर्मास आयोजन में पूरे देशभर से श्रद्धालु पहुंच रहे है।लेकिन मार्ग अवरुद्ध होने के कारण हजारों श्रद्धालुओं को परेशानी से रूबरू होना पड़ रहा हैं।चातुर्मास की चाक -चौबंद व्यवस्था में यह समस्या बड़ा रोड़ा साबित हो रही है।स्थानीय जनप्रतिनिधियों को निजी स्वार्थपूर्ण राजनीति से उपर उठ देशनोक की छवि के बारे सोचना चाहिए कि देशभर से आनेवाले श्रद्धालुओं के जहन में देशनोक के प्रति क्या छवि बनेगी।
क्या कहती है आम जनता
जब इस विकट समस्या को लेकर अबतक इंडिया न्यूज ने स्थानीय आमलोगों से बात की तो लोगो पीड़ा की सामने आई।नाला निर्माण की खबर से जहां आमजन में खुशी की लहर थी वो अब पीड़ा में बदलने लगी है।स्थानीय मेहरद्दीन ने बताया कि पिछले दस पन्द्रह दिन पहले नाला निर्माण के लिए दस से पंद्रह फुट का खड्डा खोदकर छोड़ दिया है।कोई भी जनहानि हो सकती है।विभागीय अधिकारी भी मौका निरीक्षण करने आए लेकिन समस्या का कोई हल नही हुआ।वही सद्दाम गौरी ने कहा कि गड्डा खोदकर छोड़ दिया है।कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।स्थानीय निकाय व प्रशासन ,क्षेत्रीय विधायक से लेकर मुख्यमंत्री तक हम गुहार लगा चुके है लेकिन कोई हल नहीं निकला।अब अगर कोई हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी इन तमाम लोगो की होगी।जब स्कूली बच्चों से पूछा गया तो विद्यार्थी अशोक,चंडी दान ने बताया कि बार-बार ऐसे गड्ढे खोदकर छोड़ देते है।गड्ढे के पास से गुजरते समय बहुत डर लगता है।एकबार तो हम गड्ढे में गिर भी गए ,लेकिन क्या करे स्कूल तो जाना ही पड़ता हैं।