August 28, 2025 1:25 am

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देशनोक पालिका की बोर्ड बैठक फिर स्थगित, चेयरमैन मूंधड़ा को बड़ा राजनीतिक झटका , चंडी ने दिखाया आईना

अबतक इंडिया न्यूज देशनोक 18 अगस्त । देशनोक नगरपालिका बोर्ड की लगातार दूसरी बार बोर्ड बैठक स्थगित की गई है।यह बदलते राजनीतिक परिदृश्य का बड़ा संदेश है।बैठक स्थगन को लेकर पालिकाध्यक्ष मूंधड़ा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की है जिसमे स्थानीय विधायक के निर्देशानुसार बैठक स्थगन का जिक्र किया गया है।ऐसा दूसरी बार हुआ है।राजनीतिक दृष्टिकोण से पालिकाध्यक्ष मूंधड़ा के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा हैं।
     कांग्रेस की सत्ता में देशनोक पालिकाध्यक्ष ने मनमानी व नियमों की धज्जियां उड़ाने के कई रिकॉर्ड कायम किए थे।किसी भी बोर्ड बैठक का कभी भी स्पष्ट एजेंडा पार्षदों को उपलब्ध नही करवाया गया । चंद पार्षदों के अलावा विपक्ष भाजपा सहित अन्य पार्षदों ने भी जी-हुजूरी के रिकॉर्ड कायम कर दिए।जिन पार्षदों ने अपना जनप्रतिनिधि धर्म निर्वहन करते हुए अनुचित का विरोध भी जताया तो उसे बैठक की प्रोसिडिंग में दर्ज नही किया गया।लोकतंत्र के इतर सत्ता मद में चूर पालिकाध्यक्ष मूंधड़ा ने देशनोक नगरपालिका को लगभग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की मानसिकता से ही नियम व अधिनियमों से परे अपनी मनमर्जी को ही सर्वोपरि रखा। मूंधड़ा की इस मानसिकता को कुछ भाजपाई पार्षदों ने भी जनहित से परे खूब समर्थन दिया।
विधायक पर मूंधड़ा का आरोप, पार्षद चंडी का पलटवार
    देशनोक पालिकाध्यक्ष मूंधड़ा ने विधायक पर विकास में रोड़े अटकाने का आरोप लगाया हैं।मूंधड़ा के आरोप पर पलटवार करते हुए भाजपा पार्षद चंडी दान ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि कागजों में सड़क बनानेवाले व दो -दो भ्रष्टाचार अपराधिक मुकदमे का आरोपी किस मुंह से विकास की बात करता हैं।उन्हें विकास की प्राथमिक परिभाषा का भी अभास है क्या?पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार के जो रिकॉर्ड कायम किए क्या वो कम है ?
पालिका उपाध्यक्ष प्रतिनिधि ने नियमों को लेकर  उठाए सवाल 
      देशनोक नगरपालिका उपाध्यक्ष प्रतिनिधि माधोदान ने बैठक के नियमों को लेकर कार्यकारी अधिशाषी अधिकारी के वित्तीय अधिकारों पर सवाल उठाए है।माधोदान ने सवाल उठाया कि क्या कार्यकारी अधिशाषी अधिकारी को बोर्ड बैठक आहूत करने का अधिकार है ? अगर है तो पालिका अधिनियम की किस धारा व उप-धारा व किस हालातो में है ?क्या बोर्ड बैठक में  पारित प्रस्तावों की वित्तीय स्वीकृति का अधिकार है ?और बार बार मीटिंग का एजेंडा अपुष्ट व अस्पष्ट क्यो है? एजेंडा गोलमोल करने के पीछे नियत व मंसा क्या है ?

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