August 28, 2025 1:22 am

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उत्तरकाशी के धराली में फटे बादल, आधा गांव तबाह, कई मजदूर लापता , रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

अबतक इंडिया न्यूज 5 अगस्त । उत्‍तरकाशी में मंगलवार सुबह जो तबाही आई, वो डरा गई. अचानक आसमान से ऐसा कहर टूटा, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. कुछ ही मिनटों में पहाड़ों से मलबा लुढ़कने लगा, नदी-नाले उफान पर आ गए और गांव के गांव इसमें बह गए. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल क‍ि मौसम विभाग का पूर्वानुमान क्‍या था? यह हर क‍िसी को जानना जरूरी है, क्‍योंक‍ि अगर उस पर ध्‍यान दिया होता तो जान माल की तबाही कम हो सकती थी. क्‍योंक‍ि मौसम विभाग ने ऐसी आपदा की चेतावनी पहले ही दे दी थी. जी हां, मौसम विभाग ने पहले से कह दिया था कि 5 और 6 अगस्त को ज‍िले में भारी बारिश हो सकती है, साथ ही गर्जन, बिजली और बहुत तेज बारिश के दौर भी चल सकते हैं.

उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने से तबाही हुई. बादल फटने से 4 लोगों की मौत हो गई. 50 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबर है. मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है. धराली में अब तक 20 लोगों का रेस्क्यू किया गया. कई होटल और घरों को भी नुकसान पहुंचा. केंद्र से हरसंभव मदद का आश्वासन मिला.

धराली की घटना के बारे में क्या बोले ब्रिगेड कमांडर ब्रिगेडियर मंदीप ढिल्लों?

ब्रिगेड कमांडर ब्रिगेडियर मंदीप ढिल्लों ने बताया, “आज लगभग 1345 बजे धराली गाँव में भूस्खलन और बादल फटने की घटना घटी. हर्षिल पोस्ट पर स्थित भारतीय सेना की टुकड़ी सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाली और 10 मिनट के भीतर गाँव पहुँचने और बचाव अभियान शुरू करने वाली टुकड़ी थी. टुकड़ी में लगभग 150 जवान विशेष चिकित्सा उपकरणों, बचाव उपकरणों और डॉक्टरों के साथ हैं और ग्रामीणों को बचाने में लगे हुए हैं. अब तक लगभग 20 ग्रामीणों को बचाया जा चुका है और घायलों का इलाज चल रहा है. इसके बाद, हर्षिल में सेना के शिविर में भूस्खलन और बादल फटने की एक और घटना घटी…”

मौसम विभाग ने क्या कहा था?
IMD देहरादून ने 5 अगस्त की सुबह ही अपने अलर्ट में साफ लिखा था, उत्तरकाशी में अगले दो दिन कहीं-कहीं बहुत तेज बारिश हो सकती है. गर्जना, बिजली गिरने और नदी-नालों का जलस्तर बढ़ने की आशंका है. भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं. ऐसे में जरूरी है कि सतर्कता बरती जाए और स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर कदम उठाए जाएं. यानि एक तरह से जो हुआ, उसका अंदेशा पहले ही था.
कई स्थानीय लोग और मजदूरों के दबे होने की आशंका:
कई स्थानीय लोग और मजदूरों के दबे होने की आशंका भी है. ऐसे में अब रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि उत्तराखंड के धराली (उत्तरकाशी) में फ्लैश फ्लड की घटना को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात कर घटना की जानकारी ली.
लगा जैसे कोई पहाड़ फटा हो
स्‍थानीय लोगों ने बताया, हम लोग नीचे की ओर जा रहे थे कि अचानक जोर से आवाज आई, जैसे कोई पहाड़ फटा हो. फिर देखते ही देखते शहर में पानी दौड़ पड़ा. सब कुछ बहा ले गया. हम बस भागे. मौसम विभाग की क्षमता पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ी है. अब हाई रेजोल्यूशन रडार, सेटेलाइट मॉनिटरिंग और जिला स्तर पर चेतावनी जारी की जाती है. लेकिन असली सवाल यह है कि इन चेतावनियों को लोग पढ़ते हैं? क्या ये गांवों तक पहुंचती हैं? क्या हर ब्लॉक में ‘रिस्पॉन्स सिस्टम’ है?
अलर्ट को ध्‍यान से देखें
उत्‍तराखंड हो या फ‍िर ह‍िमाचल प्रदेश, देश के कई राज्‍यों में हर मानसून में कहीं न कहीं बादल फटता है. अलर्ट भी आते हैं, लेकिन कई बार लोग उसे व्‍हाट्सएप की अफवाह समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं और प्रशासन उसे ‘रुटीन फाइल’ की तरह ट्रीट करता है. जब तक अलर्ट को ऐक्शन में नहीं बदला जाएगा, तब तक मौसम विभाग की भविष्यवाणी से कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

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