अबतक इंडिया न्यूज 20 अगस्त । गृहमंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में तीन बिल पेश किए जिसे लेकर सदन में हंगामा मच गया। गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि गंभीर आपराधिक आरोपों में फंसे प्रधानमंत्री, मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को हटाने संबंधी विधेयक संयुक्त समिति को भेजे जाएंगे। कई विपक्षी सांसदों ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किए गए तीन विधेयकों का विरोध किया। हंगामा इस कदर बढ़ा कि सदन को दोपहर 3 बजे तक स्थगित करना पड़ा।
संविधान के मूल ढांचे को पूरी तरह से नष्ट करता है बिल- मनीष तिवारी
इसके विरोध में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, मैं इन तीनों विधेयकों को पेश किए जाने का विरोध करता हूं… यह विधेयक संविधान के मूल ढांचे को पूरी तरह से नष्ट कर देता है… यह विधेयक राज्य के उन संस्थानों द्वारा राजनीतिक दुरुपयोग का रास्ता खोलता है जिनके मनमाने आचरण पर सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार आपत्ति जताई है। यह सभी मौजूदा संवैधानिक सुरक्षा उपायों को खत्म करता है।
असदुद्दीन ओवैसी ने भी किया विरोध
सदन में सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, मैं जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025 और संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक 2025 को पेश किए जाने का विरोध करता हूं। यह शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत का उल्लंघन करता है और सरकार चुनने के अधिकार को कमजोर करता है। यह कार्यकारी एजेंसियों को हल्के आरोपों और संदेह के आधार पर जज और जल्लाद बनने की खुली छूट देता है… यह सरकार पुलिस राज्य बनाने पर तुली हुई है। यह निर्वाचित सरकार के लिए मौत की कील होगी। इस देश को पुलिस राज्य में बदलने के लिए भारत के संविधान में संशोधन किया जा रहा है ।
संविधान 130वां संशोधन बिल में क्या हैं प्रावधान
इस बिल के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों में लगातार 30 दिनों तक जेल में रहने पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या राज्य मंत्री या केंद्र शासित प्रदेश को पद से हटाया जा सकता है। अगर इनमें से किसी को भी ऐसे अपराधों के लिए गिरफ्तार किया जाता है और लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रखा जाता है, जिनमें कम से कम पांच साल की जेल की सजा हो सकती है, तो वह 31वें दिन अपना पद गंवा देंगे। ये विधेयक हैं: केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025; संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025।
बिल के खिलाफ विपक्ष हुआ एकजुट
इसके विरोध में विपक्ष ने ऐलान किया है कि किसी भी कीमत पर इसे पारित नहीं होने दिया जाएगा। प्रस्तावित कानून – केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025, संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025, और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 – केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किए गए। अमित शाह इन विधेयकों को संयुक्त संसदीय समिति को भेजने के लिए प्रस्ताव पेश किया। वहीं, विपक्ष ने प्रस्तावित विधेयक पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा है कि केंद्र सरकार गैर-भाजपा सरकारों को अस्थिर करने के लिए कानून लाने जा रही है। इसके तहत वह केंद्रीय एजेंसियों द्वारा मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार करवाएगी और उनकी मनमाने ढंग से गिरफ्तारी के तुरंत बाद उन्हें पद से हटा देगी।
लोकसभा कार्यवाही स्थगित, तीनों विधेयक JPC को भेजे गए
लोकसभा की कार्यवाही शाम 5 बजे तक स्थगित कर दी गई. ‘संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025; केंद्र शासित प्रदेश शासन (संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025’ को संसद की संयुक्त समिति (JPC) के पास भेजा गया है.