October 12, 2025 11:30 am

Latest News
गायत्री पुरश्चरण महायज्ञ को लेकर आज बीकानेर में होगी विप्र फाउंडेशन की अहम बैठक कांग्रेस के कद्दावर नेता डूडी की स्मृति में बीकानेर जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा श्रद्धांजलि सभा आयोजित ,राष्ट्रीय सचिव लिलोठिया ने ली संगठन सृजन अभियान की मीटिंग विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक ओझा ने प्रतिनिधिमंडल के साथ परशुराम कुंड विकास कार्यों का लिया जायज ,डेप्यूटी सीएम चाऊना मीन से की मुलाकात कर्क, कन्या समेत 7 राशियों को भाग्य के साथ से आर्थिक स्थिति होगी मजबूत, सिंह वाले इस मामले पर ध्यान दें! पढ़ें आज का राशिफल राजस्थान में धर्म परिवर्तन कानून के खिलाफ उतरे सामाजिक संगठन, बोले- कानून संविधान की भावना के खिलाफ हनुमान बेनीवाल फिर बने RLP के राष्ट्रीय अध्यक्ष, राजस्थान के 2028 के विधानसभा चुनाव पर नज़र

Home » ब्रेकिंग न्यूज़ » ‘वसुंधरा सीएम बनतीं तो मजा आता…’ अशोक गहलोत के बयान से मची सियासी खलबली

‘वसुंधरा सीएम बनतीं तो मजा आता…’ अशोक गहलोत के बयान से मची सियासी खलबली

अबतक इंडिया न्यूज 7 सितंबर । राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने आज अजमेर सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और RSS प्रमुख मोहन भागवत को लेकर कई अहम बयान दिए. उन्होंने RSS प्रमुख मोहन भागवत के काशी-मथुरा वाले बयानों को देश के लिए नुकसानदायक करार दिया. साथ ही वर्तमान सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि भजनलाल शर्मा को सलाह देने वाला कोई मजबूत सलाहकार होना चाहिए, जिससे प्रदेश की जनता की समस्याएं जल्द सुलझाई जा सके.

गहलोत ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री का विरोधी नहीं हूं, लेकिन जनता और विपक्ष जो सवाल उठा रहे हैं, उनका जवाब सरकार को देना चाहिए. अभी के मुख्यमंत्री कहां हैं मैं भी उन्हें ढूंढ रहा हूं. उनके सलाहकार कौन हैं, यह भी समझ नहीं आ रहा. उन्होंने वसुंधरा राजे को अनुभवी नेता बताते हुए कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका मिलना चाहिए था. गहलोत ने बीजेपी की आंतरिक राजनीति पर तंज कसते हुए कहा कि वसुंधरा राजे अनुभवी हैं, बीजेपी की नेचुरल चॉइस वही थीं. अगर वे मुख्यमंत्री होतीं, तो बेहतर काम होता और विपक्ष को भी उनसे मुकाबला करने में मजा आता.
भागवत के काशी-मथुरा जैसे बयान बढ़ा सकते हैं तनाव
जोधपुर में RSS की बैठक और मोहन भागवत के बयानों पर गहलोत ने कड़ा ऐतराज जताया. उन्होंने कहा कि जोधपुर शांतिप्रिय नगरी है. यहां से प्यार और भाईचारे का संदेश जाना चाहिए, लेकिन भागवत के काशी-मथुरा जैसे बयान तनाव बढ़ा सकते हैं. राम जन्मभूमि विवाद में दंगे हुए थे, अब फिर से ऐसी बातें क्यों?” गहलोत ने भागवत के उस बयान पर भी सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि RSS काशी-मथुरा विवाद में हिस्सा नहीं लेगी, लेकिन स्वयंसेवक जा सकते हैं. गहलोत ने तंज कसते हुए कहा कि स्वयंसेवक ही RSS हैं. अगर उन्हें छूट है, तो यह बयानबाजी क्यों? पूरा देश चिंतित है कि यह सब किस दिशा में जा रहा है.

जोधपुर से शांति का संदेश जोधपुर के ऐतिहासिक महत्व का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि मोहन भागवत को जोधपुर से शांति और सौहार्द का संदेश देना चाहिए. काशी-मथुरा जैसे बयान अनुचित हैं और देश में तनाव बढ़ा सकते हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि जोधपुर से सकारात्मक संदेश जाएगा.

 कांग्रेस की जनहितकारी योजनाएं बंद करने का आरोप 

गहलोत ने राजस्थान सरकार पर जनहितकारी योजनाएं बंद करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि चिरंजीवी योजना में 25 लाख तक मुफ्त इलाज मिलता था, लेकिन आयुष्मान योजना में जनता को राहत नहीं मिल रही. पेंशन बंद होने से लोगों की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री को सलाह दी कि अच्छे प्रशासन के लिए अधिकारियों और कार्यकर्ताओं पर नियंत्रण जरूरी है. गहलोत ने कहा कि भजनलाल शर्मा को दो साल का समय मिल चुका है, लेकिन अब उनसे सवाल पूछना बनता है. हर फैसला दिल्ली से करवाना ठीक नहीं, जनता जवाब चाहती है. उन्होंने इस बात को दोहरया कि अगर वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री होतीं, तो प्रदेश में बेहतर काम होता.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!