अबतक इंडिया न्यूज 5 सितंबर । देशनोक में करीब पिछले दो महीनों से अति आवश्यक सरकारी सेवाओं की धज्जियां उड़ रही है।सरकारी योजनाओं की स्थानीय प्रशासन ने इस कदर धज्जियां उड़ाई है कि शर्म भी शर्मा जाए।लेकिन प्रशासन व स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने बेशर्मी की सारी सीमाएं लांघ दी।अबतक स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधि पंगु साबित हुए है।देशनोक में हालात बद से बदतर हो चुके है लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं है।कस्बे में कहीं जलापूर्ति दो महीने से ठप है तो कहीं 15 दिनों से ठप है।बिजली आपूर्ति का भी यही हाल हैं।कब आएगी कब जाएगी किसी को नहीं पता ।निर्माण के नाम पर कस्बे के अमूमन सभी प्रमुख मार्ग बंद है।कब खुलेंगे….पता नहीं…
प्रशासन की घोर लापरवाही से बिगड़ी राष्ट्रीय स्तरीय चातुर्मास की व्यवस्थाएं
देशनोक में साधुमार्गी जैन समाज का अखिल भारतीय स्तर का चातुर्मास चल रहा है जिसमे देशभर से जैन श्रद्धालु देशनोक आ रहे हैं।लेकिन चातुर्मास स्थल के चारों ओर प्रशासन ने नाला-सड़क निर्माण के नाम पर सड़कें खोद कर रास्ते बंद कर दिए है।PWD के ठेकेदारों ने बिजली के पोल व भूमिगत बिजली लाइन कई जगह तोड़ दी।पानी सप्लाई की पाइप लाइन तोड़ दी ।गड्डों के नाम पर रास्ते बंद कर दिए।वर्तमान देशनोक के जमीनी हालातों से ऐसा प्रतीत होता जैसे स्थानीय प्रशासन व स्थानीय प्रतिनिधि चातुर्मास आयोजन को टारगेट कर रहे है।अगर वास्तव में ऐसा है तो यह बेहद निंदनीय व शर्मनाक है।प्रदेश ही नहीं पूरे देश मे देशनोक की छवि धूमिल हो रही है।
एक पखवाड़े बाद शारदीय नवरात्रा
आगामी 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रा है।नवरात्रा में विश्व विख्यात करणी माता के दर्शन करने विश्वभर से श्रद्धालु आते हैं।लाखों की संख्या में करणी भक्त देशनोक पहुंचेंगे ।नवरात्रा में करणीधाम देशनोक में प्रतिवर्ष की भांति इसबार भी कई सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजन होंगे।मां करणी के जन्मदिवस पर शोभायात्रा निकलेगी जिसमे इसबार रिकॉर्डतोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की प्रबल संभावना है। लेकिन शोभायात्रा मार्ग की स्थिति बदहाली की चरम सीमा पर हैं।इसी मार्ग चल रहा जैन समाज का चातुर्मास सरकारी व्यवस्थाओं के नाम पर पहले से ही बदहाल हैं।
तीन माह पूर्व देश के प्रधानमंत्री देशनोक का दौरा कर चुके है।उन्होंने मां करणी के दरबार मे धोक लगाकर अपने दौरे का आगाज किया था। स्थानीय सभी सरकारी विभागों को जहां नवरात्रा की चाक-चौबंद सुचारू व्यवस्थाएं करनी चाहिए वहां समस्याओं का अंबार खड़ा कर दिया हैं।
कैसे बिगड़ी व्यवस्थाएं
ओछी,निम्नस्तरीय व भ्रष्ट स्थानीय राजनीति के कारण देशनोक बदहाली की चरम स्थिति में पहुंच चुका हैं।छोटी -छोटी समस्याओं को स्थानीय कांग्रेस व भाजपा नेताओं व जनप्रतिनिधियों ने नासूर में तब्दील कर दी।पहले देशनोक पालिकाध्यक्ष ओमप्रकाश मूंधड़ा की तानाशाही राजनीति ने फिर स्थानीय भाजपा की गुटबाजी ने।इसमें वो स्थानीय भाजपाई नेता व पार्षद जिम्मेदार है जो कांग्रेस राज में सत्ता की मलाई का लुफ्त लेने कांग्रेस से गलबहियां कर चुके हैं।हालांकि उनका वो लालची प्रेम गाहे-बगाहे अभी भी जारी हैं।
लेकिन चुनाव नजदीक होने के कारण अब कुछ कागजी शेर स्थानीय भाजपाई व्हाट्सएप ग्रुपों में अपने आपको सत्यवादी हरिशचंद्र साबित करने में जुटे है।वहीं कुछ तथाकथित भाजपाईयों ने पीएम आवास योजना के नाम पर लूट की नई दुकान खोली है ।लेकिन वो भूल जाते है कि यह पब्लिक है ,सब जानती हैं।