अबतक इंडिया न्यूज 16 अगस्त देशनोक । श्री जैन जवाहर मंडल देशनोक में आचार्य भगवन 1008 श्री राम लाल म.सा., बहुश्रुत उपाधाय प्रवर श्री राजेश मुनि म.सा. अपनी शीश मंडली के साथ सुख साता पूर्वक विराजमान हैं ।
शुक्रवार के प्रवचन में सर्वप्रथम श्री संजय मुनि जी म.सा. ने “वंदन – नमस्कार” का हमारे जीवन में कितना महत्व हैं उस पर प्रकाश डालते हुए फरमाया की हम नमन से निर्वाण तक की यात्रा कर सकते हैं । और गुरु भक्ति भजन के माध्यम से आचार्य भगवान के जीवन गाथा का गुणगान किया । इसी बीच आचार्य श्री का प्रवचन में मंगलमय पदापर्ण हुआ और आचार्य भगवान ने प्रवचन में श्री पार्श्वनाथ भगवान की स्तुति के साथ वंदन करते हुए यह फ़रमाया की *हमे वंदन क्यों करना चाहिए ? स्तुति क्यों करना चाहिए ? इन प्रश्नों के प्रति उत्तर में बताया कि भटकी हुई आत्माओ को सही दिशा मिले, खोई हुई आत्मा को हम जान सके इसलिए वंदना होती हैं ।*
किसी भी पंथ में चले जाए वंहा साधना की प्रक्रिया से पहेले नमन की पद्धति बताई जाती हैं । *नमन की प्रकिया जीवन की जटिलताओं को सुलझाने वाली होती हैं जिससे अपनी खोज आसान हो जाती हैं ।*
आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जैन स्वतंत्र सेनानियों का बलिदान को बताते हुए आचार्य भगवन ने फरमाया की उस समय देश भक्ति का एक ही नारा था *”हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई – आपस में हैं भाई भाई”* आज हम को लगता हैं की हम स्वतंत्रता की सांस ले रहे है, सरकार बदल गई सता बदल गई लेकिन हमारे संस्कार, हमारी संस्कृति आज भी गुलामी से भरी हुई हैं ।
आजादी का समय सुहाना, आओ गाये गानजय जय भारत देश महान ।आजादी में बने दीवानों, करना हैं संधानजय जय भारत देश महान ।आजादी हम कैसे पाए, कैसे हमने कष्ठ उठाए, कैसे हमने सबक सिखाए, कैसे आगे कदम उठाये,सुर शहीदों की सहनाई का सुन लेना गान,जय जय भारत देश महान ।

आचार्य श्री ने देश भक्ति गान को गुनगुनाते हुए फरमाया आजाद हिन्द आज भी अपनी पूर्व विरासत को प्राप्त नहीं कर पाया हैं, जो उसके संस्कार रहे हैं, क्या संस्कृति क्या सभ्यता रही हैं उन सबको हमने पीछे छोड़ दिया हैं ।
आज प्रवचन में देशनोक की मुमुक्षु बहन सुश्री अंशु भूरा सुपुत्री आनंद मल भूरा व केतुकला के मुमुक्षु भाई विवेक गुलेच्छा का आज्ञा पत्र गुरु चरणों में समर्पित हुआ जिनकी जैन भागवाती दीक्षा क्रमश: 13 अक्टूबर 2025 व 03 नवंबर 2025 को आचार्य भगवन श्री राम लाल जी म.सा. के मुखारबिंद से देशनोक में होनी संभावित हैं ।
अब तक संयम सतम में 68 दीक्षाए सम्पन्न हो चुकी हैं व 11 मुमुक्षु आत्माओ की दीक्षा आगामी क्रमश: 29 सितंबर को 4 दीक्षा, 6 अक्टूबर को 1 दीक्षा, 13 अक्टूबर को 3 दीक्षा, व 3 नवंबर को 3 दीक्षाए देशनोक में होना संभावित हैं ।
देश के कोने कोने से हजारों दर्शनालु गुरु भक्त उपस्थित थे जिन्होंने मुमुक्षुओ की अनुमोदना की ।
सभा का संचालन महेंद्र सांड व महेश नाहटा ने किया ।
चातुर्मास की व्यवस्थाएं चाक -चौबंद
देशनोक चातुर्मास मे पुरे देशभर से श्रद्धालुओं निरंतर आवागमन जारी हैं. आनेवाले सभी श्रद्धालुओं के लिए स्थानीय चातुर्मास प्रबंधन समिति द्वारा सभी माकूल व्यवस्थाएं बेहद सुचारु रूप से सुलभ करवाई जा रही हैं। चातुर्मास व्यवस्थाओं की जानकारी देते हुए आयोजन समिति के शांतिलाल सांड ने बताया कि चातुर्मास मे आनेवाले श्रद्धालुओं के लिए आवास, भोजन, परिवहन सहित सभी आवश्यक सुविधाओं के लिए प्रबंधन समिति सहित सभी स्थानीय सेवादार समर्पित होकर पूर्ण निष्ठा के साथ जुटे हुए हैं.नथमल सुराणा, शिवरतन संचेती, मोतीलाल बुच्चा, महेन्द्र भूरा, कमल चंद संचेती, शांति लाल आंचलिया , समता युवा संघ, महिला मंडल, बहु मंडल, परिवहन प्रभारी ओमप्रकाश आंचलिया, महेन्द्र छाजेड़ सहित सभी मुस्तैदी से चाक चौबंद व्यवस्था मे जुटे हैं