अबतक इंडिया न्यूज देशनोक 11 जुलाई । शुक्रवार शाम को देशनोक में हुई मॉनसून की बारिश ने एकबार फिर सरकार व जिला प्रशासन की पोल खोल कर रख दी।हाल ही में विधायक निधि कोष से देशनोक की प्रमुख सड़क पर मनुज देपावत की मूर्ति से पाबु खेजड़े तक बरसाती पानी निकासी के लिए बने नए सिविर लाइन नाले की निर्माण तकनीक की पोल पूरी तरह खुल गई। पीडब्ल्यूडी द्वारा बरसाती पानी की निकासी के लिए निर्मित नाले में बरसाती पानी निकासी का कोई प्रावधान ही नहीं रखा गया है।
फिर बना कीचड़ का दरिया
देशनोक में हुई बारिश जहां एक और किसानों के लिए मेहर साबित हुई वहीं दूसरी और कस्बे के राहगीरों व प्रमुख सड़क पर स्थित दुकानदारों के लिए कहर साबित हुई है।प्रशासन की लापरवाही के कारण इंद्र की मेहर अब कहर बन गई।सड़क पर कीचड़ का दरिया बन गया।सड़क पर स्थित दुकानों में भी बारिश का पानी भर गया।दैनिक मन्दिर जाने वाले करणी भक्तों के लिए कीचड़ का दरिया भारी परेशानी का सबब बन गया । नव निर्मित नाले का औचित्य ही समाप्त हो गया।
ये कैसी तकनीक ..राहत या ..नासूर ?
सरकारी वर्किंग एजेंसी पीडब्ल्यूडी द्वारा विधायक निधि कोष से स्वीकृत लाखो रुपए की लागत से नाला निर्माण किया गया।चार सालों से देशनोक की प्रमुख सड़क पर बरसाती मौसम में बरसाती पानी के कारण कीचड़ की विकट समस्या है।इसी विकट समस्या के निवारण के लिए क्षेत्रीय विधायक अंशुमान सिंह भाटी ने विधायक निधि कोष से 87 लाख रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत की । लेकिन पीडब्ल्यूडी ठेकेदार ने बरसाती पानी की निकासी के लिए नवनिर्मित नाले में पानी निकासी के लिए आवश्यक कोई चेम्बर ही नही रखा जिससे बरसाती पानी की निकासी हो पाती। पीडब्ल्यूडी विभाग के अभियंता टीम की इस लापरवाही के कारण नाला राहत के बदले नासूर बन गया।