अबतक इंडिया न्यूज 10 जुलाई । 11 जुलाई 2025 दिन शुक्रवार से सावन मास की शुरुआत हो रही है. सावन मास (श्रावण मास) भगवान शिव को समर्पित होता है और पूरे महीने शिवालयों में घंटियों की गूंज, भक्तों की भीड़ और हर हर महादेव के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो जाएगा. यह काल विशेष रूप से व्रत, पूजा, संयम और साधना के लिए उत्तम माना गया है. चंद्रमा इस मास में विशेष प्रभाव में रहता है और भगवान शिव के जलाभिषेक से मानसिक, शारीरिक व सांसारिक संतापों से मुक्ति मिलती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन मास में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने से सभी परेशानियां दूर होती है और जीवन के हर क्षेत्र में उत्तम लाभ मिलता है. यह महाकाल का प्रिय महीना है इसलिए इस मास में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए अन्यथा भगवान शिव नाराज होते हैं और कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं सावन मास में क्या करें क्या ना करें…
सावन मास में क्या करें?
– सावन मास में हर दिन प्रातःकाल जल, दूध, बेलपत्र, भस्म, शहद आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें.
– सावन मास में सभी सावन सोमवार, सावन प्रदोष व्रत, नाग पचंमी, सावन शिवरात्रि का अवश्य व्रत करें.
– सावन मास में हर रोज ॐ नमः शिवाय” और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. रोज 108 बार जाप करें.
– सावन मास में गरीबों, ब्राह्मणों, गौमाता और गरीब व जरूरतमंदों को दान देना पुण्यदायी होता है.
– सावन मास में हर दिन प्रातःकाल जल, दूध, बेलपत्र, भस्म, शहद आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें.
– सावन मास में सभी सावन सोमवार, सावन प्रदोष व्रत, नाग पचंमी, सावन शिवरात्रि का अवश्य व्रत करें.
– सावन मास में हर रोज ॐ नमः शिवाय” और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. रोज 108 बार जाप करें.
– सावन मास में गरीबों, ब्राह्मणों, गौमाता और गरीब व जरूरतमंदों को दान देना पुण्यदायी होता है.
सावन में क्या ना करें?
– सावन मास में तामसिक भोजन जैसे- मांस, मछली, अंडा, लहसुन, प्याज आदि का सेवन न करें. यह मानसिक ऊर्जा को मंद करता है और रजोगुण-तमोगुण को बढ़ाता है.
– सावन मास में केश कटवाना, नाखून काटना, दाढ़ी बनवाना विशेष रूप से सोमवार को वर्जित है.
– विवाह, शुभ मुहूर्त, गृह प्रवेश आदि जैसे शुभ व मांगलिक कार्यों से सावन मास में परहेज करना चाहिए (कुछ स्थानों पर व्रत व पूजा के कारण इन्हें टालते हैं).
– सावन मास में झूठ बोलना, क्रोध करना, अपशब्द बोलना, अपवित्र वस्त्र पहनने से परेहज करना चाहिए, ऐसा करने से सावन मास की पवित्रता नष्ट होती है.
– शिवलिंग पर तुलसी पत्र न चढ़ाएं, यह शास्त्र विरुद्ध है.
– सावन मास में काले और लाल वस्त्र न पहनें. इन रंगों को तामसिक माना गया है. हरे, सफेद और पीले रंग शुभ होते हैं.
– सावन मास में तामसिक भोजन जैसे- मांस, मछली, अंडा, लहसुन, प्याज आदि का सेवन न करें. यह मानसिक ऊर्जा को मंद करता है और रजोगुण-तमोगुण को बढ़ाता है.
– सावन मास में केश कटवाना, नाखून काटना, दाढ़ी बनवाना विशेष रूप से सोमवार को वर्जित है.
– विवाह, शुभ मुहूर्त, गृह प्रवेश आदि जैसे शुभ व मांगलिक कार्यों से सावन मास में परहेज करना चाहिए (कुछ स्थानों पर व्रत व पूजा के कारण इन्हें टालते हैं).
– सावन मास में झूठ बोलना, क्रोध करना, अपशब्द बोलना, अपवित्र वस्त्र पहनने से परेहज करना चाहिए, ऐसा करने से सावन मास की पवित्रता नष्ट होती है.
– शिवलिंग पर तुलसी पत्र न चढ़ाएं, यह शास्त्र विरुद्ध है.
– सावन मास में काले और लाल वस्त्र न पहनें. इन रंगों को तामसिक माना गया है. हरे, सफेद और पीले रंग शुभ होते हैं.